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रांची/डेस्क: दुनियाभर में Meta के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का असर अब साफ तौर पर नजर आ रहा है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और मैसेंजर जैसे लोकप्रिय ऐप्स की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स ने हाल ही में अपनी दूसरी तिमाही की रिपोर्ट जारी की है. इसमें बताया गया है कि जून 2025 तक हर दिन 3.4 अरब से ज्यादा लोग कम से कम एक मेटा ऐप का उपयोग कर रहे हैं. यह आंकड़ा बीते साल की तुलना में 6 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है.
AI से बढ़ा इंगेजमेंट और रेवेन्यू
मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने बताया कि कंपनी का AI सिस्टम अब पहले से ज्यादा स्मार्ट हो गया है. यह यूजर्स को उनके इंटरेस्ट के हिसाब से कंटेंट दिखा रहा है, जिससे न केवल लोगों का ऐप पर बिताया गया समय बढ़ा है, बल्कि कंपनी का रेवेन्यू भी मजबूत हुआ है. इस तिमाही में फेसबुक पर यूजर्स ने 5 फीसदी और इंस्टाग्राम पर 6 फीसदी ज्यादा समय बिताया. दूसरी तिमाही में मेटा का कुल राजस्व $47.1 अरब (करीब 3.93 लाख करोड़ रुपये) रहा, जो साल-दर-साल के आधार पर 22 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़त है. मार्क जकरबर्ग का मानना है कि AI के चलते यह उछाल संभव हो पाया है.
वीडियो कंटेंट और ऑरिजनल क्रिएटर्स को बढ़ावा
मेटा ने वीडियो कंटेंट को प्रमोट करने और इंस्टाग्राम पर ऑरिजनल क्रिएटर्स को सपोर्ट करने के लिए AI पावर्ड रैंकिंग सिस्टम को अपग्रेड किया है. इसका असर यह हुआ है कि साल-दर-साल वीडियो देखने में बिताया गया समय 20 प्रतिशत तक बढ़ गया है.
कुछ आलोचना भी हुई पर मेटा ने किया बचाव
हालांकि, जहां कई लोग Meta AI को पसंद कर रहे हैं, वहीं कुछ यूजर्स इसे "AI slop" यानी कम गुणवत्ता वाला कंटेंट भी बता रहे हैं. इस पर जकरबर्ग ने सफाई दी कि मेटा का AI लगातार सीख रहा है और अब यूजर्स के टेस्ट को बेहतर तरीके से समझने लगा है.
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