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रांची/डेस्क: बिना परमिशन पेड़ काटना अब सिर्फ गलत नहीं बल्कि महंगा भी साबित हो सकता है और वो भी करोड़ों में. जी हां, एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया हैं. उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से सामने आए इस मामले के बारे में सुनते ही सभी हैरान हो जाते है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता हैं? यहां पांच लोगों ने बिना परमिशन 17 आम के पेड़ काट दिए, जिसकी कीमत अब उन्हें 2.66 करोड़ रुपए के रूप में चुकानी पड़ रही हैं. आइए पूरा मामला जानते हैं.
दरअसल, यह घटना 17 नवंबर की है, जब गांव युसुफपुर हमीद में स्थित एक खेत में आम के पेड़ों को अवैध रूप से काटने की सूचना वन विभाग को मिली. जब टीम ने मौके पर पहुंची तो देखा कि 17 पेड़ काटे जा चुके थे और लकड़ी को ट्रैक्टर में लादकर ले जाया जा रहा था. जिसके बाद वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ट्रैक्टर जब्त कर लिया और 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की. आरोपी की पहचान ब्रजपाल सिंह, मजहर, यामीन, तहजीब, शहीद के रूप में हुई हैं. इन सभी के ऊपर उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. जांच के दौरान सभी को नोटिस भेजा गया लेकिन कोई भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ, जिससे वन विभाग ने इसे आपराधिक स्वीकृति मान लिया.
जांच के दौरान कुछ अहम खुलासे
बता दें कि, जांच में सामने आया है कि हर पेड़ की उम्र करीब 15 साल थी. सुप्रीम कोर्ट की केंद्रीय पर्यावरण समिति (CEC) के अनुसार, एक पेड़ के कटने से प्रति वर्ष 74,500 का नुकसान होता हैं. इस आधार पर 17 पेड़ों के कटने से कुल 2,65,96,500 रुपए की क्षति हुई. इसके अलावा 85,000 रुपए का अतिरिक्त फाइन भी लगाया गया यानी कुल जुर्माना 2,66,81,500 रुपए हुआ. वन विभाग ने यह मामला चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. इस मामले की पहली सुनवाई 20 मई 2025 को होगी.