न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर एक दरिंदे की हैवानियत सामने आई हैं. 35 साल के सीरियल किलर रविंद्र कुमार को कोर्ट ने एक और जघन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया हैं. उसके गुनाहों की कहानी इतनी खौफनाक है कि सुनकर कोई भी सिहर जाए. अदालत अब 28 अगस्त को उसे सजा सुनाएगी.
क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला साल 2014 का है, जब ढाई साल की एक बच्ची अचानक अपने घर से गायब हो गई थी. कुछ घंटों बाद ही उसका शव मिला. जिसके बाद पुलिस की जांच में एक शख्स रविंद्र कुमार का नाम सामने आया. जब पुलिस ने उसे पकड़ा, तो पूछताछ के दौरान उसने जो खुलासे किए, उनसे सभी दंग रह गए. रविंद्र ने खुद कबूल किया कि वह 30 से ज्यादा बच्चियों को अपना शिकार बना चुका हैं.
क्या थी सच्चाई?
पुलिस के अनुसार, रविंद्र 6 से 12 साल की बच्चियों को निशाना बनाता था. जब वह पहली बार पकड़ा गया, तो पुलिस सिर्फ एक हत्या की जांच कर रही थी लेकिन रविंद्र ने खुद ही अपने बाकी अपराधों का खुलासा कर दिया. उसने बताया, "मैं बच्चों का अपहरण करता था, उनके साथ रेप करता था और फिर उनकी हत्या कर देता था. मुझे इसमें मजा आता था, यहां तक कि मैं शव के साथ भी रेप करता था." जांच में पता चला कि वह हर शाम नशे की हालत में निकलता और अपनी शिकार की तलाश में 40 किलोमीटर तक पैदल चल लेता था. वह बच्चियों को पैसे या टॉफी का लालच देकर सुनसान जगह पर ले जाता, दरिंदगी करता और फिर उनकी हत्या कर देता था. यहां तक की उसने दो साल के मासूम बच्चे को भी नहीं छोड़ा.
कहां का रहने वाला है रविंद्र?
उत्तर प्रदेश के कासगंज का रहने वाला रविंद्र कुमार एक मजदूर परिवार से था. 2008 में वह दिल्ली आया, जहां उसे नशे और पोर्न फिल्मों की लत लग गई, जिसने उसे एक हैवान बना दिया. उसी साल उसने पहली बच्ची का रेप और हत्या की थी. उस समय वह पकड़ा नहीं गया और उसका हौसला बढ़ता चला गया. साल 2014 में पहली बार गिरफ्तारी हुई, लेकिन सबूतों की कमी के चलते अदालत ने उसे छोड़ दिया. फिर 2015 में 6 साल की बच्ची के अपहरण केस में उसे दोबारा पकड़ा गया. इस बार पुलिस ने पुख्ता सबूत पेश किए, जिसके बाद मई 2023 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. तब से वह जेल में ही हैं.
23 अगस्त को अदालत ने 2014 के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि बच्ची को आखिरी बार रविंद्र के साथ देखा गया था, जो उसे सीधे अपराध से जोड़ता हैं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट, होंठों पर दांतों के निशान और दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई. अदालत ने कहा कि आरोपी का अपराध अमानवीय और निर्मम है और उसके लिए किसी भी तरह की नरमी की कोई गुंजाइश नहीं हैं.