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रांची/डेस्क: अगर आप यूट्यूब या किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पैसे कमाते हैं, तो इनकम टैक्स को लेकर आपके लिए जरूरी बदलाव हो चुका हैं. आयकर विभाग ने अब कंटेंट क्रिएटर्स, ट्रेडर्स और एजेंट्स के लिए ITR फॉर्म में नई कैटेगरी और कोड तय किए हैं. इसका मकसद अलग-अलग पेशों से कमाई करने वालों की सटीक पहचान और टैक्स सिस्टम को और पारदर्शी बनाना हैं.
इन बदलावों के तहत अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, एफएंडओ ट्रेडर्स, कमीशन एजेंट्स और शेयर मार्केट में काम करने वाले लोगों को अपनी आय की जानकारी एकदम सही कोड के साथ देनी होगी. ये नियम फॉर्म ITR-3 और ITR-4 भरने वालों पर लागू होंगे. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-3 और ITR-4 में पांच नए प्रोफेशनल कोड शामिल किए हैं. सबसे अहम कोड 16021 है, जो उन लोगों के लिए है जो सोशल मीडिया या यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर प्रमोशनल कंटेंट, विज्ञापन या अन्य डिजिटल मीडियम से पैसा कमा रहे हैं.
अगर आप सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, तो अब आपको ITR फॉर्म में कोड 16021 का चयन कर अपनी आय की जानकारी देनी होगी. वहीं अगर आप अनुमानित आय पर टैक्स छूट (Presumptive Taxation) का लाभ लेना चाहते हैं, तो आयकर की धारा 44ADA के तहत ITR-4 भरना होगा.
देखें कौन से प्रोफेशन के लिए कौन सा कोड है:
- कमीशन एजेंट: 09029
- सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर: 16021
- सट्टा कारोबार: 21009
- वायदा विकल्प ट्रेडर (F\&O): 21010
- शेयर मार्केट से कमाई करने वाले: 21011
खासतौर पर F\&O ट्रेडिंग और स्टॉक मार्केट से कमाने वालों को अब फॉर्म ITR-3 में अपने मुनाफे और नुकसान की पूरी डिटेल देनी होगी. पहले यह कैटेगरी स्पष्ट नहीं थी, जिससे करदाता किसी अन्य कैटेगरी में ITR फाइल कर देते थे.