न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए देश की सुरक्षा व्यवस्था को परखने और नागरिकों को तैयार करने के लिए गृह मंत्रालय (MHA) में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया हैं. 7 मई को देश के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज का आयोजन किया जाएगा. ये कवयाद आम दिनों की नहीं हैं. यह 54 साल बाद पहली बार हो रहा है, जब पूरे देश में युद्धकालीन हालात की तर्ज पर यह अभ्यास किया जा रहा हैं.
पहलगाम आतंकी हमले और बढ़ते खतरे के बाद अलर्ट
कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले और पाकिस्तान की तरफ से पैदा हो रही भू-राजनीतिक चुनौतियों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने इस विरोध अभ्यास का निर्णय लिया हैं. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए पत्र में हर परिस्थिति के लिए नागरिकों को तैयार रखने का स्पष्ट संदेश दिया गया हैं.
क्या होगा इस मॉक ड्रिल में?
- हवाई हमले के वक्त सभी नागरिकों को चेतावनी देने वाले सायरन बजाना.
- दुश्मन देश के हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए और सुरक्षा के मानक अपनाने के लिए नागरिकों, छात्रों आदि को प्रशिक्षण देना.
- हमले की स्थिति में कैसे बचें? उसके उपायों के बारे में लोगों को बताना और प्रशिक्षण देना.
- महत्वपूर्ण संयंत्रों/प्रतिष्ठानों को युद्ध के समय में हमले से बचाने और संरक्षित करने की कोशिश करना और उसके लिए ट्रेनिंग देना.
- हमले के समय निकासी योजना को लागू करने और उसका पूर्वाभ्यास करना.
गांव से लेकर शहर तक होगा अभ्यास
गृह मंत्रालय ने यह साफ किया है कि इस अभ्यास की योजना केवल शहरों तक सीमित नहीं रहेगी. यह गांव-गांव और ब्लॉक स्तर तक ले जाया जाएगा ताकि नागरिक सुरक्षा तंत्र जमीनी स्तर पर मजबूत हो सकें.
दिल्ली सरकार की विशेष बैठक
दिल्ली सरकार मंगलवार यानी आज मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर इंटर-डिपार्टमेंटल बैठक करने जा रही हैं. इस बैठक में पुलिस, दमकल, होमगार्ड, PWD और नगर निगम के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
54 साल बाद ऐसा कदम
1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान आखिरी बार इस तरह की राष्ट्रीय स्तर की मॉक ड्रिल कराई गई थी. तब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारत-पाक युद्ध छिड़ा था और देश के सीमाएं तनाव में थी. अब आधी सदी बाद सरकार ने फिर से ऐसा कदम उठाया हैं.