राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने शुरू की भुगतान की कार्रवाई
न्यूज11 भारत
रांची: बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के से झारखंड में समायोजित कर्मियों के बकाये राशि के भुगतान का मार्ग प्रशस्त हो गया है. सर्वोच्च न्यायालय की सगीर अहमद कमेटी की अनुशंसा और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद झारखंड कैडर आवंटित कर्मियों का वेतन अब मिल जायेगा. झारखंड सरकार ने भी इस बाबत अपनी हरी झंडी दे दी है. परिवहन विभाग की तरफ से जल्द ही बकाये राशि का भुगतान संबंधी संकल्प जारी कर दिया जायेगा. बताया जाता है कि इस बाबत कर्मियों को 140 करोड़ का भुगतान किया जायेगा. ये कर्मी ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मी हैं, जो रांची, दुमका, धनबाद और जमशेदपुर प्रमंडल के बस डीपो , केंद्रीय कर्मशाला में जैसे हैं, जहां हैं के आधार पर कार्य कर रहे हैं.
बताते चलें कि झारखंड परिवहन निगम के बंद कर देने के बाद इनमें कार्यरत कर्मियों को राज्य सरकार के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में समायोजित किया गया था. इस वक्त इन निगम कर्मियों को चौथा वेतनमान मिल रहा है. लेकिन जब इनका समायोजन दूसरे विभाग में हुआ तो उन्हें संबंधित विभागों में सीधे छठा वेतनमान मिलने लगा. ऐसे में निगम कर्मियों ने पांचवें वेतनमान का लाभ देने के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की. उनका कहना था कि उनके समायोजन में उनलोगों को पांचवें वेतनमान के लाभ से वंचित कर दिया गया है, जिससे उनके ग्रॉस सैलरी में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. पूरे मामले में राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने भी अपना पक्ष रखा, कोर्ट में यह मामला काफी लंबे समय तक विचाराधीन रहा. 2016 में ही हाइकोर्ट ने इन्हें पांचवे वेतन का बकाया भुगतान देने का आदेश दिया. इसके बाद राज्य सरकार ने ,सर्वोच्च न्यायालय में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के फैसले को सही करार देते हुए राज्य सरकार को बकाये का भुगतान करने का निर्देश दिया. कर्मियों को उनके बकाये राशि का भुगतान 1.7.2004 से 24.8.2011 तक साल की अवधि के लिए किया जायेगा. बताया जाता है कि झारखंड के विभिन्न प्रमंडलों में पथ निर्माण निगम के 135 कर्मी ही अभी नियमित हैं. कैडर विभाजन के बाद झारखंड को 1240 कर्मी मिले थे. परिवहन निगम के लगातार घाटे में रहने की वजह से झारखंड सरकार ने कई डिपो को बंद कर दिया. इनमें से कई रीटायर भी हो गये, जबकि कईयों की मौतभी हो गयी. परिहवन विभाग सेवानिवृत हुए कर्मियों और मृत कर्मचारियों के आश्रितों को भी बकाये राशि का भुगतान करेगा. इसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं.
ये भी पढ़ें- डीएलएओ रहते सौरभ कुमार ने रैयत के बजाए दूसरे को दे दिया 87 लाख मुआवजा