प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: विस्थापन पुनर्वास के तहत एक महिला को एनटीपीसी से मुआवजा मांगना एनटीपीसी केरेडारी कोल माइंस से जानलेवा साबित हो रहा है. एक गरीब महिला को एनटीपीसी के कर्मियों द्वारा मार-पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया है. मामला हजारीबाग जिले के प्रखंड केरेडारी के पांडु गांव का है, जहां मार-पीट होने से बेहोश पड़ी महिला के घर को तोड़ दिया गया, उसके बाद आज यह दुर्दशा है कि उसे शब्दों में बताना मुश्किल है. अगर कंपनी के खालिफ कोई बोलता है, तो कंपनी रंगदारी मांगने के आरोप में झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है. इसका जागता प्रमाण वाइरल वीडियो में देखा जा सकता है. वीडियो में एनटीपीसी केरेडारी के एक अधिकारी का रौद्र रूप दिखाई पड़ रहा है. साथ ही, एनटीपीसी के कर्मी की आवाज सुनने को मिल रही है कि रंगदारी की मांग की जा रही है.
उक्त घटना पर हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड के भीम आर्मी प्रखंड कमिटी ने घट्ना क्रम पर आवाज उठायी है और कहा है कि इसके लिए वहां डट कर न्याय की मांग कर रहे हैं. मौके पर सभी महिलाएं एकजुट होकर महिला को उसके तोड़े हुए घर के पास ही रख कर बैठ गई हैं और सरकार से न्याय की गुहार लगा रही है. साथ ही, विस्थापन प्रभावित भू-रैयतों ने घटना की घोर निंदा करते हुए स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन से न्याय की मांग की है. उपरोक्त प्रकरण पर एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा कहा जाता है कि पीड़ित महिला चतरा जिला के लावालौंग की रहनेवाली है. जबकि, पांडू गांव के ग्रामीणों का कहना है कि पीड़ित महिला बीते कई वर्षों अपने परिवार के साथ अपने मायके में ही रह रही थी. उसका घर जगह जमीन सब पांडू में ही है. घटना की यहां सर्वत्र चर्चा है