प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: आज बुद्ध जयंती है. किसी शहर के लिए इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है यहां सदर प्रखंड के बहोरनपुर गांव के जुलजुल व सीतागढ़ा पहाड़ी की तलहटी में बुद्ध की छह प्रतिमाएं भारतीय पुरातत्व विभाग ने खुदाई में निकलीं. चार साल गुजर गए. पर एक अदद म्यूजियम नहीं बन सका, जहां बुद्ध की दुलर्भ प्रतिमाओं को रखा जा सके. मजबूरी में बेशकीमती प्रतिमाएं पटना म्यूजियम में रखी गई हैं. खुद आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के रिसर्च में राजेंद्र डेहुरी, नीरज मिश्रा और वीरेंद्र कुमार ने लिखा है कि हजारीबाग के बहोरनपुर में खुदाई में मिली है. झारखंड सहित दक्षिण बिहार का क्षेत्र बौद्ध धर्म के प्रारंभिक क्षेत्र के लिए जाना जाता था और गुप्त काल के बाद वाले सामाजिक-आर्थिक और धार्मिक गतिविधियों के महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक बन गया.
ऐसा माना जाता है कि गुप्त काल के बाद के अनुष्ठान केंद्र विभिन्न आकार के थे. बहोरनपुर में मिली प्रतिमाएं महा निर्माण मुद्रा, ध्यान मुद्रा, धर्म चक्र मुद्रा और प्रवर्तन मुद्रा में है. सभी प्रतिमाएं विशेष देव कोस्ट में है. इसके अलावा कई अन्य प्रतिमाएं भी मिली है. एक बड़ी प्रतिमा का दाहिना हाथ भूमि स्मर्श और बायां हाथ आसन के ऊपर है. भगवान बुद्ध कमल के आसन पर बैठे हुए हैं भगवान बुद्ध की प्रतिमा के बगल में छोटी-छोटी बौद्ध प्रतिमाएं भी हैं.
चोरी भी हो गई थी मूर्तियां
खुदाई में मिली मूर्ति बहोरनपुर से चौरी भी हो गई थी. जिसे तत्कालीन एसपी ने मशक्कत से ढूंढ निकाला था. भगवान बुद्ध की दो मूर्ति रांची से बरामद कर ली गई थी. साथ ही पुलिस ने 5 मूर्ति चोरों को भी गिरफ्तार कर लिया था. आरोपियों में दो बांका और तीन रांची के रहने वाले थे. जबकि फरार आरोपी भी बांका का निवासी था. फिलहाल बहोरन पुर के खुदाई स्थल को मिट्टी से ढंक दिया गया है.
खुदाई के दौरान बुद्ध की 6 सुंदर मूर्तियां मिली थीं
पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पटना की टीम ने सत्र 2019-20, सत्र 2020-21 और सत्र 2021-22 में तीन चरणों में खुदाई की. पहली बार माउट एक और दो में भगवान बुद्ध और मां तारा की कई प्रतिमाएं मिली. कुछ सुरक्षित निकाली गई तो कुछ टूट गई थी. सभी मूर्तिया सफेद पत्थर घर उकेरी हुई थी. पत्थर की मूर्ति ईट की बनी देव कोष्ठ से लगी हुई है. मूर्ति की ऊंचाई ढाई से तीन फीट के बीच थी. फिलहाल वहां की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है.
आर्कियोलॉजिस्ट की टीम ने की थी सराहना
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग रांची के सुपरीटेंडिंग आर्कियॉजिस्ट डॉ राजेंद्र डेहूरी कहते हैं कि हजारीबाग में मिली प्रतिमाए अदभुत हैं. म्यूजियम बनवाने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार को पत्र दिया गया है. म्यूजियम बनने के बाद ही खुदाई में मिली प्रतिमाएं वापस लाई जा सकेंगी.
वरद मुद्रा में मिली मां तारा की प्रतिमा आकर्षक
बहोरन पुर में हुई खुदाई के दौरान मां तारा की प्रतिमा वरद मुद्रा व स्नातका मुद्रा में है. इस प्रतिमा का कुछ हिस्सा विखंडित है. यह प्रतिमा भगवान बुद्ध के देव कोस्ट के बायीं ओर है. सभी मूर्तियां काफी आकर्षक व सुंदर हैं. लेकिन इसके बावजूद इन प्रतिमाओं को लौटाने की दिशा में किसी तरह का काम नहीं हुआ है. इससे स्थानीय लोगों को भी निराशा हाथ लगी है.