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रांची/डेस्कः झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने करीब 6 घंटे की पूछताछ के बाद आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से समन मिलने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम बुधवार यानी कि आज (15 मई) दूसरे दिन ईडी ऑफिस पहुंचे थे. इससे पहले मंगलवार को भी आलमगीर आलम दिन के 10:45 बजे हिनू स्थित इडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे थे. बीते दिन ईडी ने उनसे 7 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. वहीं आज कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद इडी ने उन्हें गिरफ्तार किया.
आपको बता दें, मंत्री आलमगीर आलम से ईडी की टीम उनके OSD संजीव लाल और उसके सहायक के घर से बरामद हुए 32 करोड़ से अधिक कैश से जुड़े मामले में पूछताछ कर रही थी. ईडी ने मंगलवार (14 मई) को मामले में उनसे 7 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. इसके बाद आज ईडी ने फिर से उन्हें मामले में पूछताछ के लिए बुलाई थी. आज फिर से 7 घंटों के पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के लिए आपको बता दें, 6 मई 2024 को ईडी ने आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के सहयोगी जहांगीर आलम के फ्लैट में छापेमारी की थी. छापेमारी में ईडी ने भारी मात्रा में करोड़ों रुपए के साथ कुछ आभूषण बरामद किए थे.
कौन हैं मंत्री आलमगीर आलम
वर्तमान में आलमगीर आलम संसदीय कार्य और झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री है. वे पाकुड़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के 4 बार से विधायक रहे हैं. आलमगीर आलम इससे पहले 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा के स्पीकर भी रहे थे. विरासत में राजनीति मिलने के बाद उन्होंने सरपंच के चुनाव में जीत हासिल कर राजनीति में एंट्री की थी राज्य गठन के समय साल 2000 में वे पहली बार विधायक बने और उसके बाद से वे लगातार अभी तक 4 बार विधायक बने हैं. आलमगीर आलम साल 2005 में पाकुड़ से विधायक बने थे. उन्होंने JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के उम्मीदवार अकील अख्तर को 18066 वोटों से हार दिलाई थी. इसके बाद झामुमो के अकील अख्तर साल 2009 में विधायक बने. लेकिन साल 2014 में अचानक राजनीतिक बदलाव हुआ. कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे आलमगीर आलम ने उस वक्त झारखंड मुक्त मोर्चा की टिकट पर चुनाव लड़ा था और चुनाव में जीत भी हासिल की थी.
हेमंत की गिरफ्तारी के बाद CM चंपाई के साथ ली थी मंत्री पद की शपथ
आपको बता दें, 31 जनवरी 2024 को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड सरकार में फिर से कैबिनेट का विस्तार हुआ. इस बीच कयासें लगाई जा रही थी कि झारखंड में बनने वाली नई चंपाई सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम बनाई जा सकती है. आप इसी बात से उनके (आलमगीर आलम) के कद का अंदाजा लगा सकते हैं. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उन्होंने राज्य की नई सरकार में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के साथ ही मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण की थी. लेकिन चंपाई सरकार में पुराने चेहरों को फिर से दोहराए जाने पर विधायकों में पार्टी नेतृ्त्व के प्रति गहरी नाराजगी प्रकट की गई थी. सभी विधायक हेमंत सरकार में शामिल रहे कांग्रेस कोटे के सभी पुराने चेहरों को बदलने की मांग कर रहे थे.