अरुण कुमार यादव/न्यूज़11 भारत
गढ़वा/डेस्क: गढ़वा जिले के गढ़वा-अम्बिकापुर छतीसगढ़ NHE 343 के बजनवा घाटी पहले लुटेरों के द्वारा गुजरने वाली वाहनों से लूटपाट की जा रही थी जहाँ बजनवा घाटी लूट-पाट के नाम से प्रसिद्ध था लेकिन अब वह घाटी लूटपाट नहीं बल्कि सीधे अध्यात्म से जुड़ गई रामनवमी पूजा के नवरात्र के मौके पर एकम से नवरात्र तक हर शाम वाराणसी के विद्यवानों के द्वारा गंगा आरती का आयोजन हो रहा. जिससे घाटी सहित पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गई है. गढ़वा जिले रंका अनुमंडल मुख्यालय के खरडीहा पंचायत के बजनवा घाटी बजरंगबली मंदिर के प्रांगण में नवरात्र के मौके पर एकम से नवमी तक चल रहे नवहप्रायण यज्ञ एवं गंगा आरती में हर रोज अलग मुख्य अतिथि के रूप में लोग पहुँचे रहें हैं.
इसी कड़ी में गढ़वा जिले के रंका अनुमंडल क्षेत्र के गोदरमाना निवासी वरिष्ठ समाजसेवी अशोक कुमार गुप्ता, सबसे पहले उन्होंने वाराणसी से पहुँचे विद्यावन पंडित दीपनारायण जी महराज के द्वारा विधिवत पूजा अर्चना कर गंगा आरती का शुरुआत किया. मौंक़े पर रंका सहित अलग अलग क्षेत्रों से गंगा आरती में पहुँचे सैकड़ो भक्तों ने गंगा आरती में जमकर ताली बजाते हुए जय गंगे माता की उद्घोष से क्षेत्र भक्ति मय हो गया. वहीं बजनवा घाटी मंदिर प्रांगण में गढ़वा पुलिस की टीम द्वारा ख़ास सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था से पुरुष से ज़्यादा महिलाएँ भक्त की भीड़ देखी जा रही है. बजनवा मंदिर प्रांगण में यह नवरात्र के दौरान गंगा आरती रंका अनुमंडल ही नहीं गढ़वा जिले में यह ही एक मात्र स्थान है जहाँ एकम से लेकर नवमी तक हर रोज गंगा आरती का भव्य आयोजन चल रहा है.
यही नहीं यह स्थान नेशनल हाइवे 343 पर होने के कारण कई राज्यों के लिए आने जाने वाले लोगो के लिए भी आकर्षक का केंद्र बनी हुई है. गंगा आरती के दौरान शाम में एक घंटा के लिए मानो लगता है की बनारस की घाट पर गंगा आरती हो रहा हो वैसे ही भक्तों का मन भक्ति में लीन हो जाता है. बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे वरिष्ठ समाज सेवी अशोक कुमार गुप्ता ने बताया की बहुत अच्छा आयोजन इस स्थान पर पूजा कमेटी को दिल से धन्यवाद देता हूँ की लगातार 4 वर्षों से इतना अच्छा आयोजन कराकर सभी को पुण्य के भागी बनने का शौभाग्य प्राप्त होता है. वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुँचे सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा मुझे जैसे ही मालूम चला वैसे ही मन प्रफुल्लित थी आने के लिए और मैं आया और इस गंगा आरती में शामिल होने का शौभाग्य प्राप्त हुआ. आचार्य जी के द्वारा यहाँ बताए जा रहे बातों को सभी लोगो को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है ताकि इस कालियुग में सभी का कल्याण हो सके.