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रांची/डेस्क: शराब पीने के बहुत से लोग शौक़ीन होते है. लेकिन शराब किसी भी तरीके से फायदेमंद नहीं होती है. शराब हर तरीके से हमारे शरीर को नुकसान ही पहुंचता है. अगर आप काफी समय से शराब पीते आ रहे है तो आपका लीवर छलनी होने लगता है. शराब पीकर हजारों लोग उत्पात मचाने लगते है. शराब के कारण कई लोगों के बीच झगडा,लड़ाई होते रहेता है. ऐसे में शराब पीने वाले इंसान के परिवार वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में एक रिसर्च में इस बात को साबित किया गया है कि एक दवा से शराब की लत से छुटकारा पाया जा सकता है. इस दवा का नाम है पेप्टाइल 1 रिसेप्टर (GLP-1RAs). यह दवा वजन घटाने की मदद के लिए बनी गई थी. बड़े पैमाने पर स्टडी के बाद यह पता चला है कि अल्कोहल की खबरत को यह दवाई बहुत कम कर सकती है. इसका मतलब ये है कि यह दवा अल्कोहल की लत को छुड़ा सकता है. आपको बता दे कि वेट लॉस की दवा से किडनी और लीवर को भी फायदा मिलने वाली बात साबित हुई है.
ट्रायल में इन दवाइयां का किया गया इस्तेमाल
इस अध्ययन में एक ट्रायल किया गया. इसमें कुल 88190 को शामिल किया गया. इन सारे लोगों को वेट लॉस वाले इंजेक्शन डुलाग्लूटाइड (dulaglutide), लिराग्लूटाइड (liraglutide), एक्सेनाटाइड (Exenatide), सेमाग्लूटाइट (semaglutide) या टीराजेपाटाइड (tirzepatide) इन्ज्केक्तिओन में से किसी एक को लिया गया. ये सारी दवाइयां वजन घटाने के लिए ही है. इस अध्ययन में यह पाया गया कि वेट लॉस की दवा लेने व्यक्ति कुछ महीनों बाद प्रवृत्ति 29 प्रतिशत तक कम हो गई. सिर्फ यही नहीं, कुछ लोग जिन्हें बहुत ज्यादा शराब पीने की आदत थी, उन लोगों की आदत छूट गई.
यह दवा डोपामाइन का रिलीज बढ़ा देती है
इस अध्यन में वजन घटाने वाली अलग-अलग दवाइयों के परिणाम को देखा गया. इसमें यह पाया गया कि जिन व्यक्तियों ने टिराजेपेटाइड और सेमाग्लूटाइड इंजेक्शन लिए उनका बीएमआई 30 से कम था. इन लोगों में एक साथ बहुत ज्यादा शराब पीने की लत छूट गई. इसमें यह भी पाया गया की शराब पीने के कारण जो अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचा है और उससे संबंधित बीमारियां भी कम हुई है. इस अध्ययन के अनुसार वजन कम करने वाली दवाइयां मस्तिष्क में लत वाले हिस्से की सक्रियता को कम कर देता है. यह डोपामाइन का रिलीज बढ़ा देता है. इस कान से शराब की लत कम हो जाती है. इसके साथ ही शराब पीने की याददाश्त भी कम हो जाती है. हालांकि इस विषय में अभी और रिसर्च करना जरूरी है. इसके बाद ही ड्रग नियामक एजेंसी से इस दवा को मंजूरी मिल सकती है. इस दवा का फिलहाल अभी ट्रायल चल रहा है.