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रांची/डेस्क: कभी शादी को जीवन भर का पवित्र बंधन माना जाता था, लेकिन आजकल इस बंधन में दरारें कुछ ज्यादा ही आने लगी हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की. जहां पहले यह सिर्फ फिल्मों और गुप्त कहानियों तक सीमित था, वहीं आज यह एक कड़वी सच्चाई बन चुका है और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में इसके मामले हर साल तेजी से बढ़ रहे हैं.
2025 में जो रिपोर्ट सामने आई है, उसने सभी को हैरान कर दिया है. अब आप सोचेंगे कि दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े और मॉडर्न शहर इस रेस में टॉप पर होंगे, लेकिन नहीं! इस बार बाजी मारी है कांचीपुरम ने. तमिलनाडु का एक ऐतिहासिक और शांत दिखने वाला शहर, जहां से इस साल सबसे ज्यादा लोग विवाहेतर संबंधों के लिए मशहूर डेटिंग वेबसाइट Ashley Madison पर साइनअप करते पाए गए हैं.
दिलचस्प बात यह है कि 2024 में कांचीपुरम इस लिस्ट में 17वें नंबर पर था, लेकिन 2025 में ये सीधे छलांग मारकर नंबर-1 पर पहुंच गया. यानी ये शहर अब सिर्फ सिल्क साड़ियों या मंदिरों के लिए ही नहीं, बल्कि दिल के अफेयर्स के लिए भी जाना जा रहा है. वहीं दूसरी ओर, पिछले साल तक टॉप पर रहने वाला मुंबई इस साल टॉप-20 में कहीं नज़र नहीं आया — जो अपने आप में एक बड़ा बदलाव है.
इस लिस्ट में दिल्ली और उसके आसपास के इलाके छाए हुए हैं. दिल्ली-NCR के कुल 9 क्षेत्र इस लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं. सेंट्रल दिल्ली, गुरुग्राम, गौतमबुद्धनगर, साउथ वेस्ट दिल्ली, ईस्ट दिल्ली, साउथ दिल्ली, वेस्ट दिल्ली, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली और गाजियाबाद. इसके अलावा देहरादून, पुणे, बेंगलुरु, चंडीगढ़, लखनऊ, कोलकाता, हैदराबाद और जयपुर जैसे शहर भी इस लिस्ट में शामिल हैं.
क्या यह गैरकानूनी है?
नहीं यह गैरकानूनी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में एक बड़ा फैसला सुनाया था. IPC की धारा 497 को असंवैधानिक घोषित करते हुए कोर्ट ने कहा कि दो व्यस्कों के बीच आपसी सहमति से बना रिश्ता अपराध नहीं हैं. हालांकि, यह विवाह का उल्लंघन जरूर माना जाएगा और तलाक का आधार बन सकता हैं. अगर किसी को ऐसा रिश्ता मानसिक क्रूरता महसूस होता है, तो वो कोर्ट में इसे मुद्दा बना सकता हैं.
Ashley Madison के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर पॉल कीएबल का कहना है कि भारत में अब लोग रिश्तों को लेकर पहले से ज्यादा ओपन माइंडेड हो गए हैं. शादीशुदा होते हुए भी लोग एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में इसलिए जाते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक लगाव की भी तलाश होती हैं. हालांकि, इन रिश्तों का असर केवल पति-पत्नी पर ही नहीं पड़ता, बच्चों की मानसिक सेहत भी इससे बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं.
तो क्या शादी अब एक औपचारिकता बनती जा रही है?
क्या रिश्तों में प्यार की जगह सिर्फ जिम्मेदारियां बची हैं? या फिर आज का इंसान हर तरह से ‘कनेक्शन’ चाहता है, चाहे वो शादी से मिले या बाहर से? इस रिपोर्ट ने न सिर्फ आंकड़े दिए हैं, बल्कि आज के समाज की सोच, रिश्तों की हकीकत और बदलते ट्रेंड्स को भी आईना दिखाया है. शायद यही समय है जब हमें सिर्फ सवाल पूछने नहीं, बल्कि रिश्तों में ईमानदारी और संवाद को लेकर गंभीर होने की जरूरत है. क्योंकि अफेयर चाहे किसी का भी हो असर तो सब पर पड़ता हैं.