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बिहार/डेस्क: मुंगेर का ऐतिहासिक किला सिर्फ एक किला ही नहीं बल्कि मुंगेर की एक पहचान है . इस किला में आज भी जीवन बसता है. जिला प्रशासन के सारे आला अधिकार के आवास घर, जेल न्यायालय और घर बना आज भी लोग यहां रहते है. कहा जाए तो पहले यहां से ही शासन चलता था. आज भी मुंगेर के शासन का मुख्य केंद्र बिंदु मुंगेर किला है. इस किला का इतिहास काफी पुराना है. महाभारत काल से लेकर मीरकासिम तक इस किला से अपना राज्य पाठ चलाया करते थे. 1934 में भूकंप के बाद इस क्षतिग्रस्त किला का पुनः जीर्णोद्धार कराया गया था एक बार पुनः इस किला का उत्तरी गेट जो पूरी तरह जर्जर हो गया था एकाएक उसका ऊपरी भाग ढह गया. जिसमें आने-जाने वाले लोग बाल-बाल बचे. जानकारी के अनुसार सड़क निर्माण के दौरान बड़े वहां इस किला से होकर गुजर रहे थे. और उन्हीं वाहनों से ठोकर लगते-लगते गेट पूरी तरह जर्जर हो चुका था.
हालांकि जब इसके निर्माण के लिए सरकार ने राशि भी मुहैया करवा दी थी पर कार्य में देरी के कारण गेट का ऊपरी भाग ढह गया. हालांकि मुंगेर सदर एसडीओ ने बताया कि कल सोमवार से गेट के मरम्मती के लिए कार्य शुरू करवा दिया जाएगा. लोगों ने बताया कि यह किला मुंगेर की पहचान है इसे बचाए रखा सभी की जिम्मेदारी है. पर अब यह किला जर्जर हों चुका है. जिसका उत्तर गेट का ऊपरी भाग ढह चुका है. इसको ले जिला प्रशासन किसंजयन लेना चाहिए.