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सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा के बानो प्रखंड में पिछले कई दिनों से गजराज का आतंक छाया हुआ है. हाथी भरी बरसात गांव में धमक कर लोगों को बेघर कर रहा हैं. ग्रामीण दहशत में रतजगा करने को विवश हैं. उजड़ा हुआ तहस-नहस घर, बरसात में भीगते लोग. बेतरतीब पेड़ पौधे और रौंदे हुए खेत. ये नजारा अब सिमडेगा के बानो प्रखंड की नियती बनती जा रही है. बानो का यह इलाका जंगली हाथियों का आतंक से थर्राने लगा हैं.
हाथी लगातार कर रहा तबाही और वन विभाग तमाशबीन बना खामोशी से इसे इन ग्रामीणों की तकदीर मान बैठा है. तभी तो हाथी मस्तमौले जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं. मानो यह जिले का गांव नहीं कहीं का चिड़ियाघर हो।सिमडेगा के बानो प्रखंड अंतर्गत बांकी पंचायत के पाड़ो टोंगरी टोली समेत आसपास के गांवों में दो जंगली हाथियों के लगातार भ्रमण से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. ग्रामीण हर रात हाथियों को भगाने के लिए जागते हैं. लेकिन अब यह स्थिति उनकी दिनचर्या और सुरक्षा दोनों पर भारी पड़ रही है.
बीते कुछ दिनों से इन हाथियों ने पाड़ो टोंगरी टोली में जमकर उत्पात मचाया है. फसलें रौंद दी गईं, कई घर क्षतिग्रस्त हुए और ग्रामीणों की दैनिक दिनचर्या पूरी तरह प्रभावित हो गई है. हाथियों की जंगलों में आवाजाही के कारण लोग जंगल जाने से भी कतराने लगे हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की ओर से कोई ठोस सहयोग नहीं मिल रहा, जिस कारण लोगों में आक्रोश भी देखने को मिल रहा है. हाथियों के इस बढ़ते आतंक को देखते हुए तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया के निर्देश पर बानो प्रखंड झामुमो उपाध्यक्ष तनवीर हुसैन और सचिव अमित बडिंग ने बांस पहाड़ गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और विधायक की फोन पर ग्रामीणों से सीधी बातचीत करवाई. बांकी पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से जंगली हाथियों का यह आतंक जारी है, अब तक सैकड़ों घरों को नुकसान पहुंचा है और कई लोगों की जान भी जा चुकी है. बावजूद इसके, स्थायी समाधान अब तक नहीं निकला है. ग्रामीणों ने सरकार और वन विभाग से हाथियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है, ताकि उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
गौरतलब है कि पूर्व के वर्षों में भी हाथियों का आगमन इस क्षेत्र में होता था, मगर उस वक्त के वन पदाधिकारी तत्काल बांकुडा से टीम बुला कर हाथियों को भगाते थे. लेकिन इस बार तो लगता है कि यहाँ के ग्रामीणो के किस्मत की लकीरों में हाथियों और वन विभाग ने ग्रहण लगाने की ठान ली है.