प्रशांत/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: चतरा महिला कॉलेज में सरकारी राशि का दुरुपयोग के साथ लापरवाही का मामला सामने आया है. कॉलेज में लगभग 50 लाख रुपए की लागत से किताबें व विज्ञान उपकरण खरीदे गए. परंतु आज भी कॉलेज नवनिर्मित भवन में शिफ्ट नहीं हो सका जिसके कारण किताबें और उपकरण जमीन पर यूं ही फेंके हुए हैं, जिसे इन दिनों उन्हें दीमक चट कर रहे है. प्राप्त जानकारी के अनुसार किताबें व उपकरणों की खरीदारी कॉलेज के निवर्तमान प्रभारी प्राचार्य डॉ. आरपी राय केकार्यकाल के अंतिम माह में की गई थी. डॉ. राय ने 31 जनवरी 2024 को सेवा निवृत्त होने से पूर्व 22 नवंबर और 5 दिसंबर 2023 को दो एजेंसियों से क्रमश: 20 लाख और 19.60 लाख रुपये की किताबें मंगाई थी. वहीं 10 जनवरी 2024 को 10 लाख रूपये की लागत से विज्ञान उपकरण की खरीद की गई थी.जिनके रख रखाव में बड़ी लापरवाही बरती गई.हैरानी की बात यह है कि 50 लाख की सामग्री के रख रखाव के लिए न तो कोई आलमीरा खरीदा गया और न ही कोई टेबल, जिसके कारण आज किताबें और उपकरण नष्ट हो रहे हैं. नतीजा यह हुआ कि पिछले कई महीनों से सारी सामग्री जमीन पर बेतरतीब ढंग से पड़ा हुआ है.
प्राचार्य बोले-विश्वविद्यालय को किया है सूचित
महिला कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य डॉ. डी.एन. राम, जिन्हें दो माह पूर्व कॉलेज की प्रभार सौंपी गई है. जिन्होंने बताया कि चार्ज लेते ही उन्होंने पाया कि बंद कमरों में लाखों रुपए की सामग्री खराब हालत में रखी गई है. उन्होंने विश्वविद्यालय को इस संबंध में जानकारी दी है और सुरक्षित भंडारण के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है.
सिलेबस से बाहर की किताबों की खरीदारी का आरोप
कॉलेज के ही एक शिक्षक ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस खरीदारी में कमीशनखोरी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने दावा किया कि आपूर्ति की गई कई किताबें कॉलेज के सिलेबस से बाहर की है और अगर जांच हो तो कई अनियमितताएं सामने आ सकती है. सप्लायर एजेंसियां अक्सर बड़ी खरीदारी पर 30 से 40 प्रतिशत तक का कमीशन देती है.
क्या अब होगी जांच?
इस पूरे मामले ने महिला कॉलेज की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 50 लाख की राशि खर्च होने के बावजूद बुनियादी व्यवस्था न होना यह दर्शाता है कि सिर्फ खरीद के नाम पर बजट खत्म किया गया, न कि छात्रों की सुविधा के लिए योजना बनाई गई. अब देखना यह होगा कि विश्वविद्यालय या उच्च शिक्षा विभाग इस गंभीर अनियमितता पर क्या कार्रवाई करता है. जरूरत है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जाए.