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जमशेदपुर/डेस्क: टीएस डीएवी पब्लिक स्कूल बहरागोड़ा में स्कूल के चैयरपर्सन डाक्टर बिन्नी षाड़ंगी के अध्यक्षता में हवन पूजन छात्रों के साथ किया गया. तत्पश्चात् स्वर्गीय तारापद षाड़ंगी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया किया. मंच का संचालन भास्कर तिवारी और देवस्मिता भोल के द्वारा किया गया. इस अवसर पर स्कूल के चारों सदनों की ओर से नृत्य प्रतियोगिता आयोजित कि गई. जिसका थीम जगन्नाथ प्रभु से जुड़ी गीतों पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया. जिसमें ऋग सदन की अनुष्का दीत को प्रथम पुरस्कार, द्वितीय स्थान दीपांनिता हलधर और तृतीय स्थान मीष्ठी पात्र और अन्वेशा दास को मिला. कक्षा बारहवीं की छात्रा शिप्रा मन्ना की ओर से तारापद षाड़ंगी के जीवन से जुड़ी बातों को सबके समक्ष प्रस्तुत किया.
प्राचार्य मुकेश कुमार ने स्कूल की 20वीं स्थापना दिवस के अवसर पर विद्यालय से जुड़ी बातों को बताते हुए कहा कि वे एक स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और दार्शनिक विचारक थे जो कि इस क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत अहम योगदान रहा है. वे इस सत्र से शिक्षा के क्षेत्र में एक मिल का पत्थर स्थापित करने की कोशिश करेंगे और छात्रों के बीच तरह-तरह ओलिंपियाड परीक्षाओं का भी आयोजन किया जाएगा. इस अवसर पर एक पेड़ चैयरपर्सन और प्राचार्य के द्वारा स्कूल परिसर में लगाया गया.
स्कूल की चैयरपर्सन डाक्टर बिन्नी षाड़ंगी ने कहा कि वे इस क्षेत्र में कई स्कूलों की स्थापना में उनका अहम भूमिका निभाई है और उनके कार्यों को पूरे करने के लिए झारखण्ड राज्य के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश कुमार षाड़ंगी ने उनके कार्यों को आगे बढ़ाते हुए सुदूर त्रिवेणी क्षेत्र में डीएवी संस्था जैसे स्कूल की स्थापना में अहम भूमिका निभाई है. वे शिक्षा की ज्योति जलाने के लिए अपने आप को हमेशा अपने आप को आगे रखते थे. प्रत्येक शनिवार को दो पीरियड सांस्कृतिक कार्यक्रम सीसीए विभाग की तरफ से आयोजित की जाती है. जिसमें आज रथयात्रा से जुड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सारे छात्रों ने तरह तरह-तरह की रथ बनाकर प्रभु जगन्नाथ मंदिर की कलाकृति का निर्माण किया.
इस सत्र से ने प्राचार्य महोदय द्वारा साप्ताहिक जांच परीक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य,कराटे और योगा इत्यादि क्रियाकलापों की शुरुआत हुई है. जो कि छात्रों के सर्वांगीण विकास में अहम योगदान निभाने का काम करेगा. अभिभावकों के बीच साप्ताहिक जांच परीक्षा को लेकर खुशी है कि इससे छात्रों के अंदर बौद्धिक क्षमता का विकास होगा.