न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: शराबबंदी कानून के एक प्रावधान को लेकर बिहार सरकार घिरती हुई नजर आ रही है. ऐसे में बिहार सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है. हम सभी को पता है कि बिहार में शराब बंद है. ऐसे में अगर बिहार में शराब पकड़ी जाती है तो उसके साथ पकड़ी हुई राशी को भी पुलिस जब्त कर लेती है. शराबबंदी कानून के इस प्रावधान के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर है. दायर की गई याचिका में कानून के इस प्रावधान को मौलिक हितों के विरुद्ध बताया गया है. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में अधिवक्ता आयुष आनंद ने सुप्रीम करती में याचिका दायर की थी. इसपर युवा अधिवक्ता मोनू कुमार और सार्थक करोल ने कहा कि अब बिअर पुलिस की मनमर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रोक लग सकती है.
चार हफ्ते में जवाब देना का आदेश
आपको बता दे कि मद्य निषेध कानून के तहत शर्ब के साथ जो नकद राशी जब्त होती है वह क़ानून की धरा 60 के अंतर्गत आती है. लेकिन अब इसमें सुधार की गुंजाईश बढ़ गई है. क्योंकि अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में इस प्रावधान को निरंकुश बताते हुए पीट से इसपर संज्ञान लेने की अपील की गई है. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस प्रसन्ना वी वरले और जस्टिस बिक्रमनाथ की पीठ ने उपरोक्त विषय बिहार सरकार से चार हफ़्तों में जवाब देने का आदेश दिया है.
पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती
इस मामले में युवा अधिवक्ता मोनू कुमार ने कहा कि एक फैसले के विरुद्ध पटना उच्च न्यायालय से कस्टडी के लिए यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. इस याचिका में बिहार में हो रहे पुलिसिया अन्याय और कानून का गलत इस्तेमाल पर सवाल किया गया है. इसपर पहली बार सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार से जवाब मांगा है.