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रांची/डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सहित देश के सभी हाईकोर्टों से उन आपराधिक अपीलों की सूची मांगी है, जिनमें फैसला सुरक्षित रखा गया है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन.के. सिंह की पीठ ने यह आदेश उस समय दिया जब बिरसा मुंडा जेल में बंद पीला पाहन बनाम राज्य सरकार मामले की सुनवाई हो रही थी.अदालत ने सभी हाईकोर्टों के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि वे 31 जनवरी 2025 तक या उससे पहले ऐसे मामलों की सूची सुप्रीम कोर्ट को सौंपें, जिनमें फैसला सुरक्षित रखा गया है.
पीला पाहन और अन्य आरोपियों की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उन्हें निचली अदालत ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने वर्ष 2022 में सुनवाई पूरी कर ली थी, लेकिन अभी तक फैसला नहीं सुनाया गया है. याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि सभी याचिकाकर्ता अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं. फैसले में देरी के चलते एक आरोपी पिछले 16 वर्षों से जेल में बंद है, जबकि अन्य तीन 11 से 14 वर्षों से सजा काट रहे हैं. ये सभी बिरसा मुंडा जेल, रांची में बंद हैं.