न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: 1 अगस्त को देश के सबसे प्रतिष्ठित नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा की गई, जिसमें कई बड़े नामों ने पहली बार यह सम्मान अपने नाम किया. सूचना और प्रसारण मंत्रालय को जूरी द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद शाम 6 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में विजेताओं के नामों की आधिकारिक घोषणा की गई.
इस साल बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड दो कलाकारों को साझा रूप से मिला — शाहरुख खान को फिल्म ‘जवान’ और विक्रांत मैसी को ‘12वीं फेल’ के लिए. वहीं, बेस्ट एक्ट्रेस का सम्मान रानी मुखर्जी को ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ के लिए मिला. यह तीनों ही कलाकारों का पहला नेशनल अवॉर्ड है.
फीचर फिल्म कैटेगरी में '12वीं फेल' छाई
विक्रांत मैसी की फिल्म ‘12वीं फेल’ ने बेस्ट फीचर फिल्म का खिताब जीतकर इस साल के अवॉर्ड्स में सबसे बड़ा सम्मान हासिल किया. वहीं, ‘कटहल: अ जैकफ्रूट मिस्ट्री’ को बेस्ट हिंदी फिल्म चुना गया.
‘द केरल स्टोरी’ को डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी में सम्मान
निर्देशक सुदीप्तो सेन को फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के लिए बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला, जबकि फिल्म ने सिनेमेटोग्राफी कैटेगरी में भी बाजी मारी.
तकनीकी श्रेणियों में 'एनिमल' और 'सैम बहादुर' का जलवा
रणबीर कपूर स्टारर ‘एनिमल’ को साउंड डिजाइन और बैकग्राउंड स्कोर के लिए दो अवॉर्ड मिले. वहीं, विक्की कौशल की फिल्म ‘सैम बहादुर’ को बेस्ट मेकअप और बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन का सम्मान मिला.
अन्य प्रमुख विजेता
- बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस: जानकी बोदीवाला (‘वश’) और उर्वशी (‘Ullozhukku’)
- बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर: विजयराघवन (‘पुक्कलम’)
- बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट: सुकृति वेणु बंदरेद्दी (‘गांधी तथा चेट्टू’), कबीर खंदारे (‘जिप्सी’), तृषा थोसार, श्रीवानस, भार्गव (‘नाल 2’)
- बेस्ट डायलॉग राइटिंग: दीपक किंगरानी (‘सिर्फ एक बंदा काफी है’)
- बेस्ट कोरियोग्राफी: वैभवी मर्चेंट (‘ढिंढोरा बाजे रे’ - रॉकी और रानी की प्रेम कहानी)
- बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन: वाथी (तमिल)
रीजनल सिनेमा में ये रहीं सर्वश्रेष्ठ फिल्में
- बेस्ट तमिल फिल्म: Parking
- बेस्ट तेलुगू फिल्म: भगवत केसरी
- बेस्ट मराठी फिल्म: श्याम ची आई
- बेस्ट मलयालम फिल्म: Ullozhukku
- बेस्ट कन्नड़ फिल्म: कंदीलु - द रे ऑफ होप
- बेस्ट गुजराती फिल्म: वश
- बेस्ट बंगाली फिल्म: डीप फ्रिज
- बेस्ट असमिया फिल्म: रोंगातपु 1982
- बेस्ट रीजनल फिल्म: पाई तांग
इस साल के नेशनल अवॉर्ड्स में विविधता और प्रतिभा का बेहतरीन संगम देखने को मिला, जहां मुख्यधारा के सितारों के साथ क्षेत्रीय सिनेमा और नए चेहरों को भी भरपूर सम्मान मिला.