न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: देवघर का प्रसिद्ध त्रिकुट पहाड़ अब सुनसान होता जा रहा हैं. जहां कभी सैलानियों की भीड़ हुआ करती थी, अब वहां न तो पर्यटकों की चहल-पहल है और न ही बंदरों की मस्ती. वजह? रोपवे का बंद होना. इस रोपवे के सहारे हजारों लोग प्रतिदिन त्रिकुट पहाड़ की ऊंचाइयों तक पहुंचते थे लेकिन इसके बंद होते ही न सिर्फ पर्यटन प्रभावित हुआ बल्कि पहाड़ पर रहने वाले बंदरों का सामने भी भोजन की भारी किल्लत आ गई हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार, रोपवे के चलते सैलानी पहाड़ पर जाते थे और वहां रहने वाले बंदरों को भोजन कराते थे लेकिन अब जब सैलानियों की आवाजाही बंद हो गई है तो बंदरों को खाने-पीने की भारी परेशानी हो रही हैं. गाइड जयदीप कुमार ने बताया कि भूख-प्यास से बेहाल बंदर अब त्रिकुट पहाड़ छोड़कर गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं. पहले ये बंदर सैलानियों के आकर्षण का केंद्र हुआ करते थे लेकिन अब वे त्रिकुट से दूर भाग रहे हैं.
धार्मिक आस्था भी हो रही प्रभावित
त्रिकुट पहाड़ न सिर्फ पर्यटन बल्कि आस्था का भी केंद्र हैं. मान्यता है कि यहां भगवन बजरंगबली का मंदिर स्थापित है लेकिन रोपवे के बंद होने के कारण अब श्रद्धालु भी इस स्थान पर नहीं आ पा रहे हैं. स्थानीय लोगों की ये अपील है कि जल्द ही रोपवे व्यवस्था की शुरुआत की जाए ताकि लोग फिर से आना-जाना कर सकें.