अमित दत्ता/न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: झारखंड के शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ झामुमो नेता रामदास सोरेन के आकस्मिक निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई हैं. उनके निधन की खबर मिलते ही राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षणिक जगत से जुड़े तमाम लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया हैं. लोग उन्हें एक संवेदनशील जनप्रतिनिधि, सरल स्वभाव के नेता और शिक्षा के प्रति समर्पित समाजसेवी के रूप में याद कर रहे हैं.
इसी क्रम में झारखंड अधिविध परिषद के सदस्य, अमानत अली इंटर कॉलेज के प्राचार्य एवं सिंबोसिस पब्लिक स्कूल बुंडू के प्रबंध निदेशक अली अल अराफ़ात ने भी गहरा शोक प्रकट किया. उन्होंने कहा कि “मंत्री रामदास सोरेन के साथ काम करने का अनुभव हमेशा यादगार रहेगा. शिक्षा विभाग में उन्होंने जो कार्य किए, वे सराहनीय हैं. वे हमेशा मिलनसार, मृदुभाषी और सबको साथ लेकर चलने वाले नेता थे. उनका व्यक्तित्व सहज और सादगीपूर्ण था, जो हर किसी को प्रभावित करता था.” उन्होंने आगे कहा कि “रामदास सोरेन जी का निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है. प्रदेश ने एक ईमानदार राजनेता और सच्चे समाजसेवी को खो दिया है. व्यक्तिगत रूप से मैं अत्यंत मर्माहत हूं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को इस दुख की घड़ी में संबल दें.”
शिक्षा और समाज के क्षेत्र में योगदान
रामदास सोरेन ने अपने राजनीतिक जीवन के दौरान शिक्षा और समाजसेवा को हमेशा प्राथमिकता दी. शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षणिक ढांचे को सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान दिया. उनका मानना था कि बिना शिक्षा के समाज का विकास अधूरा है. इसी सोच के कारण वे लगातार विद्यालयों की स्थिति सुधारने और विद्यार्थियों के हित में योजनाएं लाने का प्रयास करते रहे. मंत्री के निधन से न केवल राजनीतिक क्षेत्र, बल्कि शैक्षणिक जगत में भी शोक की गहरी छाया है. लोग उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद कर रहे हैं, जिन्होंने हमेशा समाज के वंचित वर्गों और शिक्षा से वंचित बच्चों के हित में आवाज़ उठाई. बुंडू क्षेत्र सहित पूरे राज्य में शोकसभा का आयोजन किया जा रहा है. लोग मंत्री रामदास सोरेन के योगदान और उनकी सरलता को लंबे समय तक याद करेंगे.