प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत
बरवाडीह/डेस्कः- बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र के खुरा पंचायत अंतर्गत बभनडीह गांव में आज प्रकृति का महापर्व सरहुल पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ बड़े ही श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया. इस पावन अवसर पर गांव के बैगा (परंपरागत पुजारी) नरेश सिंह द्वारा सुबह 9 बजे से 10 बजे तक विधिवत पूजा-अर्चना की गई. सरहुल पर्व के दौरान गांव में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है. पूजा संपन्न होने से पहले गांव के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता. पूजा संपन्न होने के बाद ही सभी घरों में चूल्हा जलता है, जिससे यह पर्व गांव की एकता और आस्था का प्रतीक बन जाता है. पूजा के पश्चात बैगा द्वारा अर्पित किए गए पुष्प और पवित्र जल को गांववासी अपने-अपने घर ले जाते हैं और उसे अपने घर में सम्मानपूर्वक स्थान देते हैं. यह परंपरा प्रकृति के प्रति सम्मान और कृतज्ञता की भावना को दर्शाती है. सरहुल पर्व न सिर्फ प्रकृति की पूजा का अवसर है, बल्कि यह ग्राम्य संस्कृति और परंपराओं को संजोकर रखने का माध्यम भी है. बभनडीह गांव में इस पर्व को देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों से भी लोग पहुंचे और इस सांस्कृतिक समागम का हिस्सा बने. मौके पे स्थानीय लोग जो मौजूद बसंत सिंह, दीपू कुमार, उत्तम कुमार, श्यामसुंदर चौधरी,बबन राम, बिहारी सोनी, संदीप कुजूर समेत सैकड़ों के संख्या में लोग मौजूद थे.