प्रमोद कुमार/न्यूज11 भारत
बरवाडीह/डेस्क: बरवाडीह में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले भव्य समारोह सह संकल्प मार्च का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष फ्रांसिस गुड़िया ने की, जबकि संचालन राज्य कमिटी सदस्य राजेंद्र सिंह ने किया.
कार्यक्रम की शुरुआत 2 मिनट मौन रखकर विश्वभर के संघर्षशील आदिवासी जननायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई. मुख्य अतिथि के रूप में भाकपा माले के जिला सचिव कॉमरेड बिरजू राम उपस्थित थे.
बरवाडीह सामुदायिक भवन के पास से संकल्प मार्च की शुरुआत हुई, जिसमें "विश्व आदिवासी दिवस जिंदाबाद", "जल-जंगल-जमीन पर हमला बंद करो", "आदिवासियों पर दमन बंद करो", "संविधान पर हमला बंद करो", "कॉरपोरेट लूट बंद करो" और "विश्व के आदिवासी एक हो" जैसे नारों से शहर गूंज उठा. मार्च मुख्य बाजार से होते हुए अंबेडकर चौक पहुँचा, जहाँ यह एक सभा में तब्दील हो गया.
सभा को संबोधित करते हुए कॉमरेड बिरजू राम ने कहा कि आज पूरी दुनिया में आदिवासी समुदाय अपने पूर्वजों और संघर्ष के नायकों को याद कर रहा है. भारत में जल, जंगल और जमीन पर हमले तेज हो गए हैं और कॉरपोरेट हित में केंद्र की मोदी सरकार आदिवासियों पर दमन बढ़ा रही है, जिसका उदाहरण छत्तीसगढ़ और मणिपुर की घटनाएँ हैं. उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस मनाने का उद्देश्य अपनी जमीन, संस्कृति और पहचान को बचाना और कॉरपोरेट लूट के खिलाफ संघर्ष को तेज करना है.
फ्रांसिस गुड़िया ने कहा कि आदिवासियों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा और दोस्त-दुश्मन की पहचान करनी होगी. उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ संगठन विदेशी फंड के सहारे नाच-गान के नाम पर आदिवासियों को गुमराह कर रहे हैं, जिनसे सतर्क रहने की जरूरत है.
सभा को विशुनदेव सिंह, विरसा मुंडा, सुरेश उरांव, अरविंद उरांव, कृष्णा सिंह, सूरजदेव सिंह, नागेश्वर सिंह, सरिमन सिंह, सुदामा राम, कमलेश सिंह, संत्री तोपनो, कोमल कंडुलना और दुलार सिंह सहित दर्जनों आदिवासी नेताओं ने संबोधित किया. सभी ने जल, जंगल, जमीन, संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और कहा कि आदिवासियों के हित में संघर्ष करना ही विश्व आदिवासी दिवस मनाने का सही मायना है.