आशीष शास्त्री/न्यूज़11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा नगर परिषद क्षेत्र में बगैर नक्शे पास किए धड़ल्ले से बेखौफ निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. आखिर ऐसे निर्माण कार्य किसके इशारे पर हो रहे है. किनकी मिली भगत से ऐसे कार्यों को अंजाम दिया जा रहा. क्या नगर परिषद ऐसे कार्यों से अंजान है या अपनी आंखें मूंदे बैठी है. आज फिर से ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है. इंटक एवं आदिवासी कांग्रेस नेता दिलीप तिर्की ने नगर परिषद क्षेत्र में एक गंभीर मामले को प्रकाश में लाते हुए, जिला उपायुक्त से मिलकर कार्यवाई का मांग की हैं.
दिलीप ने उपायुक्त को कागजात प्रस्तुत करते हुए बताया कि सबसे पहले एक आदिवासी जमीन सीधे जेनेरल के नाम से निबंधन कर दिया गया.जबकि जमीन बकाश्त पहनाई है. अब वर्तमान में दो लोगों द्वारा 15-15 डिसमिल जमीन रजिस्ट्री द्वारा पहले व्यक्ति मो सलीम से खरीदी गई. इसका म्युटेशन अंचल से 2023 में इसलिए रद्द हुआ क्योकि जमीन बकाश्त पहनाई है. अब वर्तमान क्रेता द्वारा निर्माण करने पर नगर परिषद द्वारा नक्सा नही होने के कारण निर्माण रुकवा दिया गया. उसके बाद उसी जमीन को वर्तमान क्रेता द्वारा पुराने मालिक सलीम जिसने पूर्ण जमीन दो लोगों को बिक्री कर दिया. उनके नाम से नगर परिषद में नक्सा के लिए आवेदन किया गया है. मो सलीम उसके नाम से जाली दस्तावेज भी फर्जी हस्ताक्षर कर जमा किए जाने का अंदेशा भी है, क्योकि मो सलीम को इस विषय कोई जानकारी नही. चूंकि इनके नाम से पूर्व में मालगुजारी रसीद काटा जाता रहा है. लेकिन गंभीर बात यह है कि कोई जमीन का मालिक दूसरे को रजिस्ट्री कर देता उसके बाद उसपर किसी प्रकार के निर्माण आवेदन के लिए कागजात देना अवैध होता है. क्योकि निबंधन में स्पष्ट लिखा हुआ है कि भविष्य में इस जमीन पर कभी भी मेरा कोई सरोकार नही रहेगा. फिर वर्तमान खरीदार अवैध रूप से ऐसा करे तो निश्चित यह जांच कर एफआईआर करने का विषय बनता है.
इसके लिए दिलीप ने उपायुक्त से लिखित मांग किया है. साथ ही दिलीप ने यह भी अनुरोध किया कि नगर परिषद को इसके लिए सख्त निर्देश भी दिया जाय ताकि कोई पैसे और पावर से ऐसा करने की न सोचें।. इसपर उपायुक्त ने जांच कर निश्चित कार्यवाही करने की बात कही है.