सुरक्षा व्यवस्था में 10 आईपीएस अधिकारी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और लगभग 2500 से अधिक पुलिस के जवान रहेंगे तैनात
न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- स्मृति-शेष पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के पारंपरिक श्राद्ध कर्म की तैयारियां पूरे गांव में श्रद्धा और उत्साह के साथ चल रही हैं. गांव की गलियों से लेकर पूजा स्थल तक हर जगह सजावट, सफाई और व्यवस्थाओं की हलचल देखी जा रही है. परिजनों, रिश्तेदारों और दूर-दराज़ से आए ग्रामीणों के सहयोग से पारंपरिक रीति-रिवाज़ों एवं स्थानीय मान्यताओं के अनुरूप इस महत्त्वपूर्ण आयोजन की तैयारी की जा रही है.
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन स्वयं गांव में रहकर तैयारियों पर विशेष नजर रखे हुए हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आने वाले लोगों के लिए यातायात व्यवस्था, पेयजल, भोजन, चिकित्सा सहायता, सुरक्षा और ठहरने की सुविधाएं पूरी तरह सुनिश्चित की जाएं. प्रशासन की ओर से गांव और आसपास के क्षेत्रों में सफाई अभियान भी चलाया गया है, ताकि श्राद्ध कर्म में आने वाले लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो.
लोगों की सुविधा के लिए पार्किंग से लेकर गांव के अंदर तक 300 से अधिक ई-रिक्शा की व्यवस्था होगी, जिससे सभी लोग पार्किंग स्थल से आयोजन स्थल तक आसानी के साथ पहुंच सकें. गाड़ियों के लिए 3 बड़ी पार्किंग स्थलों का निर्माण किया गया है, और प्रत्येक पार्किंग स्थल के पीछे बायो-टॉयलेट की व्यवस्था की गई है. पैदल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्ग पर छायादार शेड, विश्राम स्थल और धूप व बारिश से बचने के लिए अलग से पगोडा भी बनाया गया है.
भोजन व्यवस्था के लिए 3 बड़े पंडाल बनाए गए हैं, जहां एक साथ बड़ी संख्या में लोगों के बैठकर भोजन करने की व्यवस्था होगी. इसमें स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ पारंपरिक प्रसाद भी परोसा जाएगा. स्वच्छता और सुचारू सेवा के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और रसोइयों की टीम तैनात रहेगी.
लोगों की सुरक्षा -व्यवस्था एवं ट्रैफिक नियंत्रण के लिए धूमकुड़िया में पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. सुरक्षा व्यवस्था में 10 आईपीएस अधिकारी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और लगभग 2500 से अधिक पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. विधि-व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में रहेगा . यातायात प्रबंधन, आपातकालीन सेवाओं और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस, प्रशासन और स्वयंसेवकों की टीमें लगातार 24 घंटे सक्रिय रहेंगी.
श्राद्ध कर्म के अवसर पर गुरुजी के जीवन संघर्ष, राजनीतिक योगदान, आदिवासी समाज के उत्थान में उनकी भूमिका और जनसेवा की अमूल्य मिसाल को प्रदर्शित करने के लिए विशेष प्रदर्शनी और स्मृति दीर्घा भी तैयार किया जा रहा है. यहां गुरुजी के जीवन से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें, ऐतिहासिक दस्तावेज़ और उनके कार्यकाल की उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएंगी.