प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग की सड़कों पर अब ट्रैफिक का नहीं, 'पशु आतंक' का राज चल रहा है. इंसान सहमे हुए हैं और जानवर बेखौफ घूम रहे हैं.ऐसा लग रहा है मानो नगर निगम ने शहर को आवारा पशुओं के हवाले कर दिया हो. बैल, सांड, कुत्ते और भैंसे अब सड़कों पर सिर्फ घूम नहीं रहे. वो दौड़ते हैं, भिड़ते हैं और लोगों की जान को खतरे में डालते हैं. कोर्रा चौक से लेकर बड़ा बाजार तक, कृष्णा नगर से लेकर कटकमसांडी रोड तक. हर सड़क पर इन मवेशियों की सेना तैनात है. महिलाएं बच्चों को लेकर घर से निकलने से डरने लगी हैं.
कुत्तों का झुंड दिन-दहाड़े लोगों पर टूट पड़ता है. सांडों की आपसी भिड़ंत से ट्रैफिक जाम हो जाता है, और कई बाइक सवार जान बचाकर भागते हैं. स्थानीय लोगों ने कई बार नगर निगम को चेताया, लेकिन अधिकारी कान में तेल डालकर सोए हैं. न तो कोई अभियान चलाया गया, न कोई गोशाला में इन पशुओं को भेजा गया. लाखों का बजट जाने कहां उड़ जाता है, और शहरवासी भुगतते हैं. कुत्तों के झुंड ने हाल ही में कई इलाकों में बच्चों को काटा भी है, जिससे भय का माहौल है.
वहीं सांड और बैल कभी भी बेकाबू होकर राहगीरों पर हमला कर देते हैं. कई बार महिलाएं इन जानवरो भय से सड़क पर गिर कर घायल भी हुई हैं. अगर यही हाल रहा, तो अगली बड़ी दुर्घटना बस कोने में खड़ी है. शहर की शांति अब खतरे में है. जनता कह रही है कि सड़क चाहिए, सरकस नहीं! अब समय आ गया है कि निगम अपनी नींद तोड़े और शहर को इस पशु आतंक से आजाद करे, वरना अगली खबर किसी बड़ी अनहोनी की हो सकती है.