अरुण कुमार यादव/न्यूज़11 भारत
गढ़वा/डेस्क: रामनवमी पूजा पर्व को लेकर गढ़वा जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. इस बार पुलिस ने एक नई और अत्याधुनिक तकनीकी रणनीति अपनाई है, जिसे ‘तीसरी आँख’ कहा जा रहा हैं. आखिरकार यह तीसरी आँख क्या है और कैसे पुलिस इसका इस्तेमाल कर रही है! रामनवमी का पर्व गढ़वा में हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार पुलिस ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था में नई पहल की हैगढ़वा जिले के सभी थाना क्षेत्रों और शहर में पूजा के दौरान सुरक्षा को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं.
जहां एक तरफ अखाड़ों के आयोजन को लेकर सुरक्षा इंतजाम हैं, वहीं पुलिस का खास ध्यान असामाजिक तत्वों पर भी है. इन्हीं तत्वों से निपटने के लिए पुलिस अब एक नई रणनीति पर काम कर रही है, जिसे ‘तीसरी आँख’ के नाम से जाना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि यह ‘तीसरी आँख’ असल में ड्रोन है, जो आसमान से पूजा स्थलों और शहर के विभिन्न हिस्सों पर निगरानी रखेगा। ड्रोन के माध्यम से पुलिस असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को पहचानने में सक्षम होगी और किसी भी संदिग्ध स्थिति का तत्काल निपटारा कर सकेगी. पुलिस के द्वारा यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि गढ़वा जिले को हाल के वर्षों में सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में अति संवेदनशील माना गया है। ऐसे में, रामनवमी जैसे धार्मिक आयोजन में शांति बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। जिले में इस बार पुलिस ने सुरक्षा के उपायों को और भी कड़ा किया है।
सिर्फ ड्रोन ही नहीं, गढ़वा जिले में भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है. साथ ही, जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे और अन्य तकनीकी उपायों का भी सहारा लिया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। मौके पर पुलिस अधीक्षक दीपक पाण्डेय ने कहा की रामनवमी पूजा शांतिपूर्ण तरीके से निपट जाए इसके लिए विशेष उपाए किए जा रहे है मेरा सभी से अपील रहेगा की जो लोग अपने अपने छतो पर बिल्डिंग मैटेरियल सामान रखे है वो पर्व तक निचे उतार ले। उन्होंने कहा की पुलिस इसबार ड्रोन की मदद से भी विशेष सुरक्षा ऱख रही है आज फ्लैग मार्च भी निकाला जाएगा. वहीं गढ़वा डीसी शेखर जमुआर ने बताया की रामनवमी पूजा के मौके पर गढ़वा जिले में सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था की गई है और सीसीटीवी कैमरे एवं ड्रोन कैमरे की नजर से जिले में निगरानी रखी जा रही है जगह-जगह पर मजिस्ट्रेट का भी तैनाती कर दी गई है ताकी असामाजिक तत्वों पर विशेष नज़र रखी जा सके,जिले वासी खुशी -खुशी से त्यौहार को मना सकें.