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रांची/डेस्क: दूर समंदर में तैरते आलीशान क्रूज शिप्स पर जहां एक तरफ यात्रियों के लिए मस्ती, मौज और नाइट पार्टीज़ होती हैं. वहीं दूसरी तरफ वहीं काम कर रहे कर्मचारियों के लिए यह सफर रोमांच से ज्यादा अनुशासन और सावधानी का होता हैं. क्रूज में काम करने वाले स्टाफ के लिए सबसे सख्त नियमों में से एक है यात्रियों से किसी भी तरह का निजी या अंतरंग रिश्ता न बनाना. प्यार, फ्लर्ट, यहां तक कि एक हल्की मुस्कान भी उनके लिए खतरे की घंटी बन सकती हैं.
जानकारी के मुताबिक, क्रूज स्टाफ को यात्रियों से बहुत सीमित और औपचारिक बातचीत की अनुमति होती हैं. ल्यूक खुद कई सालों तक क्रूज पर परफॉर्म कर चुके है और उन्होंने बताया कि अगर कोई यात्री फ्लर्ट करने लगे या नजदीकी बढ़ाने की कोशिश करे, तब भी स्टाफ को बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया देनी होती हैं. इतना ही नहीं कई बार क्रूज स्टाफ एक-दूसरे पर नजर रखते हैं. अगर किसी को लगता है कि कोई सहयोगी किसी यात्री के ज्यादा करीब जा रहा है, तो वह तुरंत हस्तक्षेप करता हैं. नियम इतने कड़े है कि चाहे यात्री खुद क्यों न पहल करे, स्टाफ का भावुक होना सस्पेंशन से लेकर नौकरी से निकाले जाने और यहां तक कि गिरफ्तारी का कारण बन सकता हैं.
पी एंड ओ क्रूज की पॉलिसी साफ कहती है कि बिना सहमति किसी भी अतिथि से बात करना, उन्हें छूना या व्यक्तिगत सवाल पूछना भी दंडनीय अपराध माना जा सकता हैं. अगर किसी भी स्टाफ ने इन नियमों का उल्लंघन किया, तो उसके लिए जेल भी तय हो सकती हैं. क्रूज की यह दुनिया बाहर से जितनी चकाचौंध भरी दिखती है, अंदर से उतनी ही अनुशासनिक हैं. यात्रियों को फाइव स्टार ट्रीटमेंट देने वाले ये कर्मचारी हर वक्त एक लाइन पर चलते है, जिसमें जरा सी चूक उनके करियर पर ब्रेक लगा सकती हैं.