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रांची/डेस्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार पर बड़ा फैसला लेते हुए 14 देशों पर भारी आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है. इस निर्णय से म्यांमार और लाओस जैसे देशों पर सबसे अधिक 40 फीसदी टैरिफ लगाया गया है. ये नए व्यापार नियम 1 अगस्त 2025 से लागू होंगे. ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि ये टैरिफ उन देशों पर लगाए गए हैं जिनके साथ व्यापारिक समझौते नहीं हो पाया हैं. इस सूची में दक्षिण कोरिया, जापान, बांग्लादेश, थाईलैंड, कजाकिस्तान, मलेशिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश भी शामिल हैं.
भारत को लेकर नरम रुख
जहां एक ओर ट्रंप ने इन 14 देशों पर सख्त व्यापारिक नीति अपनाई है, वहीं भारत को लेकर उन्होंने नरम रुख दिखाया है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और भारत एक व्यापार समझौते के बेहद करीब हैं. उन्होंने बताया, "हमने यूनाइटेड किंगडम और चीन के साथ डील कर ली है, और अब हम भारत के साथ डील के बहुत करीब हैं." यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने बड़े स्तर पर वैश्विक व्यापार में पुनर्गठन की नीति अपनाई है. ट्रंप की इस घोषणा से साफ संकेत मिलता है कि अमेरिका, भारत को एक भरोसेमंद और दीर्घकालिक व्यापार साझेदार के रूप में देखता है.
क्यों अहम है भारत-अमेरिका व्यापार समझौता?
भारत और अमेरिका के बीच वर्तमान में करीब 200 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है. भारत के आईटी, फार्मा, टेक्सटाइल और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों को अमेरिकी बाजार में काफी संभावनाएं हैं. वहीं, अमेरिका के लिए भारत एक बड़ा उपभोक्ता बाजार है, जहां रक्षा, तकनीक और सेवाओं में विस्तार की संभावनाएं बनी हुई हैं.
टैरिफ पर राहत की संभावना भी जताई
हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा कि कुछ मामलों में अमेरिका टैरिफ में राहत देने पर विचार कर सकता है. "अगर किसी देश के पास ठोस कारण हैं, तो हम थोड़ा समायोजन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम किसी के साथ अन्याय नहीं करेंगे," उन्होंने जोड़ा. डोनाल्ड ट्रंप की यह नई नीति साफ दर्शाती है कि अमेरिका अब व्यापारिक समझौतों को लेकर अधिक कठोर रुख अपनाने जा रहा है, लेकिन भारत को लेकर उसकी रणनीति साझेदारी और सहयोग की दिशा में आगे बढ़ रही है. आने वाले महीनों में भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद की जा रही है.