प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से इन दिनों बायोमेडिकल वेस्ट का नियमित उठाव नहीं किया जा रहा है. यही कारण है कि अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के पास बनाए गए बायोमेडिकल वेस्ट हाउस के पास कचरा का अंबार लग गया है. बता दें कि बायोमेडिकल वेस्ट में इस्तेमाल किए गए सुई, दवाओं की शीशी, प्रसव उपरांत निकले मानव अवशिष्ट सहित अन्य सामग्रियां होती है, जिससे बीमारी फैलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. बताते चलें कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत अस्पताल व निजी नर्सिंग होम से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की अलग व्यवस्था की गई है.
वर्तमान में हजारीबाग जिले से बायोमेडिकल वेस्ट का उठाव कर उसका निस्तारण करने की जिम्मेदारी रामगढ़ की एजेंसी बायोजेनेटिक की है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित विभिन्न निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम से बायोमेडिकल मेडिकल वेस्ट के उठाव को लेकर निर्धारित राशि का भुगतान भी किया जाता है.
वहीं मेडिकल कालेज अस्पताल प्रबंधन के द्वारा भी बायोजेनेटिक एजेंसी के साथ बायोमेडिकल वेस्ट के नियमित उठाव करने को लेकर करार किया गया है. वहीं इसके एवज में अस्पताल प्रबंधन के द्वारा बायोजेनेटिक एजेंसी को एक मोटी राशि का भुगतान भी हर माह किया जाता है. लेकिन लोगों की माने तो बायोजेनेटिक एजेंसी की गाड़ी प्रतिदिन हजारीबाग नहीं पहुंचती है. यही कारण है कि अस्पतालों व नर्सिंग हीम से बायोमेडिकल वेस्ट का नियमित उठाव नहीं हो पाता है. हालांकि बायोजेनेटिक एजेंसी के द्वारा यह दावा किया जाता है कि उनके द्वारा नियमित तौर पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम से नियमित तौर पर बायोमेडिकल वेस्ट का उठाव कर उसका समुचित निस्तारण किया जाता है. फिर भी सूत्रों की माने तो कचरा उठाव के लिए बायोजेनेटिक एजेंसी की गाड़ी सप्ताह में दो दिन ही हजारीबाग पहुंचती है. इसकी तसदीक विभिन्न अस्पताल और नर्सिंग होम में कि लगाए गए सीसीटीवी कैमरा से भी की जा सकती है.
बता दें कि किसी भी निजी अस्पताल या नर्सिंग होम के निबंधन के लिए बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर बायोजेनेटिक एजेंसी का प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है. यही कारण है कि कोई भी अस्पताल या नर्सिंग होम संचालक के बायोजेनेटिक एजेंसी के खिलाफ खुलकर शिकायत नहीं कर पाता है.