न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर चीन ने चिंता जताई हैं और कहा कि इस जंग से किसी का हित नहीं. बीजिंग ने दोनों देशों से धैर्य रखने की अपील की है और खुद को मीडिएटर भूमिका में पेश किया हैं. इजराइल और ईरान के बीच चल रहे जंग पर चीन की भी नजर हैं. बीजिंग ने अपने उन नागरिकों को सतर्क रहने को कहा है कि जो इन दोनों देशों में रह रहे हैं. चीन की सरकार ने चिंता जताते हुए कहा है कि उसे मौजूदा हालातों पर गहरी चिंता है और इस युद्ध का किसी को भी कोई फायदा नहीं होने वाला हैं.
चीन ने अप्रत्यक्ष तौर पर इजराइल की आलोचना की
एक रिपोर्ट के अनुसार इजराइल की ओर से ईरान पर हुए हमले के बाद चीन ने अप्रध्यक्ष तौर पर इजराइल की आलोचना की हैं. चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जरी किया और उसमें कहा कि वे किसी भी देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किए जाने का विरोध करता हैं. इन सब चीजों से यह साफ होता है कि इजराइल की कार्यवाई को चीन जायज नहीं मानता हैं. साथ ही चीन ने दोनों पक्षों से तनाव कम करने और बातचीत कर सुलह करने की अपील की हैं.
क्या मध्यस्थ बनेगा चीन?
चीन ने खुद को इस पुरे मामले में संभावित मीडिएटर के तौर पर पेश कर रहा हैं. बीजिंग का कहना है कि वो स्तिथि को सामान्य करने की भूमिका निभाने में तैयार हैं. बता दें कि 2023 में चीन ने ईरान और सऊदी अरब के बीच सुलह करने में सफल रहा था. ऐसे में अब उसकी नज़र ईरान और इजराइल के बिच बातचीत करवाकर स्तिथि को सामान्य करने में हैं.
इजराइल से दूर और ईरान के करीब
चीन की रणनीति साफ नजर आ रही हैं. बीजिंग ईरान का बड़ा व्यापारिक साझेदारी है और 2016 में दोनों देशों के बिच एक व्यापक रणनीति साझेदारी पर भी हस्ताक्षर हो चुके हैं. ईरान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है चीन और इसके साथ ही ईरान से सबसे ज्यादा तेल भी वही खरीदता हैं. वहीं दूसरी ओर देखे तो इजराइल से चीन के रिश्ते कुछ खाशा सही नहीं हैं, हाल के वर्षों में खटास आई हैं. खासकर गाजा युद्ध के बाद से ही इजराइल की आलोचना करता रहता है चीन और फिलिस्तीन के लिए दो-राज्य समाधान की मांग करता रहा हैं.