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रांची/डेस्क: भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ प्रदीप वर्मा ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जाति जनगणना के निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरी कैबिनेट का झारखंड की जनता की ओर से आभार प्रकट किया. कांग्रेस, झामुमो पर सस्ती लोकप्रियता के लिए श्रेय लेने की होड़ में तीखा प्रहार किया.
उन्होंने कहा कि आजाद भारत में पहली बार आम जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने का निर्णय केंद्र की मोदी सरकार ने लिया है. यह निर्णय ऐतिहासिक है तथा 2047 के विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को बनाने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा. यह निर्णय एकाएक नहीं लिया गया है बल्कि पिछले 11 वर्षों से मोदी सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की नीति पर कार्य कर रही है. सबका साथ सबका विकास हमारी प्रतिबद्धता है.भाजपा सरकार के सभी कार्यक्रमों ,योजनाओं में मूल लक्ष्य सामाजिक न्याय ही रहा है. अंत्योदय हमारा मूल मंत्र है.
उन्होंने आगे कहा कि देश की जनता ने भाजपा की सच्ची नियत और कांग्रेस पार्टी के खोखले नारों में फर्क साफ साफ देखा और अनुभव किया है.कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने काका कालेकर कमिटी की पिछड़ों से संबंधित रिपोर्ट को वर्षों तक दबाए रखा. 1977 की जनता पार्टी सरकार में जिसमें जनसंघ शामिल था ने मंडल कमीशन का गठन किया और लागू भी भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार ने ही किया.वर्षों तक कांग्रेस की सरकारों ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता प्रदान नहीं किया. देश की जनता जानती है कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता मोदी सरकार में ही मिला.झारखंड की हेमंत सरकार जो पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस के समर्थन से चल रही उसने पंचायत चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण से वंचित रखा और आज तक ट्रिपल टेस्ट नहीं कराए जिसके कारण राज्य में निकाय चुनाव लंबित हैं.
उन्होंर कहा कि 1931 में भारत ने आखिरी बार जाति जनगणना हुई थी.1941 में देश पराधीन था,लेकिन जब 1951 में स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना हुई तो पंडित नेहरू की सरकार ने जाति जनगणना क्यों नहीं कराई? यहां तक कि पंडित नेहरू जातिगत आरक्षण के भी प्रबल विरोधी रहे. उन्होंने मौखिक नहीं बल्कि तत्कालीन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा था कि जाति आधारित आरक्षण से गुणवत्ता में कमी आएगी. यह सोच कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाती है. 2021 में देश की जनगणना प्रस्तावित थी जो कोविड के कारण स्थगित हुई. लेकिन अभी मोदी सरकार द्वारा जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने का निर्णय वंचित वर्गों को उनका हक अधिकार दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए अनुभवों और आंकड़ों के आधार पर अब योजनाएं और भी सटीक ,समावेशी और सामाजिक न्याय को समर्पित बनेंगी.
उन्होंने अंत में कहा कि आज कांग्रेस पार्टी श्रेय लेने की होड़ कर रही.लेकिन ये वही कांग्रेस पार्टी है जिनकी तत्कालीन सरकार ने जाति जनगणना केलिए एक मंत्री समूह का गठन किया था लेकिन 2011 में कांग्रेस पार्टी खुद पीछे हट गई. इससे कांग्रेस पार्टी की इच्छा शक्ति स्पष्ट होती है.आज सामाजिक न्याय और संविधान की बात करने वाली कांग्रेस ने बाबा साहब अम्बेडकर को भारत रत्न से वंचित रखा. उनके तैल चित्र संसद के केंद्रीय हॉल में नहीं लगवाए ,दिल्ली में बाबा साहब को दो गज जमीन उपलब्ध नहीं कराए. यही इनका सामाजिक न्याय की सच्चाई है. कांग्रेस का चरित्र अवसरवादी और वोटबैंक की राजनीति करने वाला रहा है.केंद्र की मोदी सरकार देश की प्रगति, वंचितों के अधिकार और सामाजिक न्याय की दिशा में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही है.