प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: झारखंड पर्यटन विभाग ने सीसीएल की साझेदारी से माइनिंग टूरिज्म की दिशा में बहुत बड़ी पहल करते हुए एक नया इतिहास रच दिया है. हजारीबाग जिला अंतर्गत के चर्चित प्रखंड बड़कागांव में सबसे पहला उरीमारी कोयला खनन परियोजना खुला. और वह भी उसे समय जब दामोदर नदी में पुल तक नहीं था. बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत के नॉर्थ उरीमारी (बिरसा) परियोजना पहले कोयला उत्पादन के लिए जाना जाता था. और कई मामलों में हमेशा चर्चा में रहा है पर अब इस परियोजना की एक अलग पहचान होगी. लोग अब यहां आकर माइनिंग टूरिज्म का भरपूर आनंद लेकर अनुभव प्राप्त करेंगे. और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है.
माइनिंग टूरिज्म का अनूठा अनुभव लेने के लिए विभाग की तरफ से मीडिया पर्सनल्स और इन्फ्लूएंसर्स का एक समूह उरीमारी पहुंचा. समूह में दो दर्जन से अधिक लोग शामिल थे. पर्यटकों ने विभिन्न प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज खूबसूरत झरने आदि का आनंद लेते हुए सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र अंतर्गत बिरसा परियोजना पहुंचे. जहां उन्होंने बिरसा परियोजना की ओपन कास्ट माइंस उरीमारी सहित आसपास के क्षेत्र का अवलोकन किया. इस दौरान उन्हें खनन कार्य माइनिंग टेक्नोलॉजी और पर्यावरणीय प्रबंधन के संबंध में जानकारी भी दी गई. बताते चलें कि देश में पहली बार माइनिंग टूरिज्म को लेकर झारखंड पर्यटन विकास निगम और सीसीएल ने 5 वर्षों के लिए बीते 21 जुलाई को समझौता किया है. जानकारी के अनुसार फिलहाल यात्रा के दो पैकेज उपलब्ध हैं. एक मानिंग टूर के लिए 2500 + जीएसटी और धार्मिक माइनिंग टूर के लिए 2800 जीएसटी निश्चित है. पैकेज में परिवहन और भोजन शामिल है.
कैसे पहुंचा जा सकता है उरीमारी
राज्य की राजधानी रांची से ऐसे तो उरीमारी पहुंचने के कई रास्ते हैं. पर मुख्य रास्ता चर्चित पिठोरिया घाटी पतरातू बड़कागांव मुख्य सड़क से के रास्ते पहुंचा जा सकता है.