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रांचीः आज मंगलवार यानी 04 अक्टूबर है. और आज के दिन ही शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है. जिसे महा नवमी या दुर्गा नवमी भी कहते हैं. इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है. माता रानी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती, कवच व खास मंत्रों का पाठ किया जाता है. इसके अलावा आज (मंगलवार) को हनुमान जी की भी पूजा की जाती है.
आपको बता दें, नवरात्रि में देवी दुर्गा के शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है. वहीं नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है. हिन्दु धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सिद्धिदात्री की पूजा करने से पापों का नाश होता है. कहा जाता है कि माता रानी के इस स्वरूप की पूजा-उपासना करने से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं. माता के पूजन से रोग-दोष नष्ट होते हैं और मोक्ष भी मिलता है. कहा जाता है कि महाकाल खुद भी देवी के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना करते हैं. आज माता रानी के भक्त कन्या पूजन कर नवरात्रि के व्रत का समापन भी करते हैं.
नवरात्रि के नौवें दिन कन्या पूजा का विशेष महत्व
कहा जाता है कि शारदीय नवरात्रि में कन्याओं की पूजा करने से साक्षात् मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याएं मां दुर्गा का रूप होती हैं और उनके साथ एक छोटा बालक बटुक भैरव होते हैं. कन्या पूजन करने से परिवार की उन्नति होती है.
आज मंगलवार भी है. इस दिन राम भक्त हनुमान की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि हनुमान जी कलयुग में किसी न किसी रूप में धरती आप मौजूद हैं. आज के दिन हनुमान मंदिर जा कर सिंदूर-चोला, अक्षत्, फल-फूल और मिठाई आदि बजरंगबली को अर्पित करते हैं. आज के दिन बजरंगी के भक्त व्रत भी रखते हैं, चालीसा-आरती व बजरंग बाण का पाठ भी करते हैं. आइए पंचांग से जानें आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त और जानें कैसी होगी आज ग्रहों की स्थिति.
04 अक्टूबर 2022 का पंचांग
आज की तिथि – आश्विन शुक्ल नवमी
आज का करण – कौलव
आज का नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा
आज का योग – अंतिगड
आज का पक्ष – शुक्ल
आज का वार – मंगलवार
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय – 06:15:18 AM
सूर्यास्त – 06:04:12 PM
चन्द्रोदय – 14:39:59
चन्द्रास्त – 25:06:00
चन्द्र राशि– मकर
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत – 1944 शुभकृत
विक्रम सम्वत – 2079
काली सम्वत – 5123
दिन काल – 11:48:53
मास अमांत – आश्विन
मास पूर्णिमांत – आश्विन
शुभ समय – 11:46:07 से 12:33:23 तक
अशुभ मुहूर्त
दुष्टमुहूर्त– 14:55:52 से 15:43:15 तक
कुलिक– 16:31:32 से 17:19:01 तक
कंटक– 10:11:40 से 10:59:09 तक
राहु काल– 16:57 से 18:26 तक
कालवेला/अर्द्धयाम– 11:46:38 से 12:34:07 तक
यमघण्ट– 13:21:36 से 14:09:05 तक
यमगण्ड– 12:10:22 से 13:39:24 तक
गुलिक काल– 15:27 से 16:57 तक