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रांची/डेस्क: जब भी बात अगर लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की होगी तब राजनीति के साथ-साथ उनके विवादों में घिरे रहने की भी चर्चा होगी. इस बार एक बारे फिर से लालू बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के कारण से उनके पूरा परिवार सुर्खियों में है. RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने 25 मई को एक बड़ा ही चौंका देने वाला फैसल लिया था. उन्होंने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया था. यही नहीं इससे बड़ा फैसला तो उन्होंने यह लिया कि तेज प्रताप को उन्होंने सार्वजनिक रूप से परिवार से अलग कर दिया था.
लालू ने यह कठोर कदम तेज प्रताप के फेसबुक अकाउंट से किए गए पोस्ट के बाद उठाया. तेज प्रताप के फेसबुक पोस्ट में वह एक युवती अनुष्का यादव के साथ नजर आये थे. उन्होंने यभ दावा किया था कि वह दोनों एक दूसरे से पिछले 12 साल से प्यार करते है और रिलेशनशिप में है. ऐसे में यह पोस्ट वायरल होने में समय लेता क्या. जैसे ही पोस्ट वायरल हुई तो राजनीतिक बाजार में हलचल तेज हो गई. इसके कारण तेज प्रताप यादव के चाल-चलन को लेकर कई सवाल उठने लगे. ऐसा इसलिए क्योंकि उनका और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय का तलाक का केस पहले से कोर्ट में चल रहा है.
इस पोस्ट को लेकर बाद में तेज प्रताप यादव ने सफाई दी कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था. यह पोस्ट उनके और उनके परिवार को बदनाम करने के इरादे से किया गया था. लेकिन उनके इस पोस्ट को लालू प्रसाद यादव ने गैर-जिम्मेदाराना और नैतिकता के खिलाफ आचरण बताया और तेज प्रताप यादव के खिलाफ उन्होंने सख्त कार्रवाई की.
लालू परिवार का यह विवाद उनके परिवार के बीच आंतरिक संबंधों में दरार की ओर इशारा करता है. इसके साथ बिहार विधानसभा चुनाव के पहले RJD कि छवि को भी धक्का पहुंचता है. यह मामला यह बताता है की निजी और सार्वजनिक जीवन के बीच राजनीतिक परिवारों को संतुलन बनाना काफी मुश्किल हो सकता है. सिर्फ यही नहीं ऐसा कई सारे किससे है जिसके कारण लालू परिवार हमेशा विवादों में रहा है. आइए आपको ऐसे कुछ विवादों के बारे में बताते है.
लालू का चारा घोटाला
चारा घोटाला भारतीय राजनीति के सबसे बड़े घोटालों मे से एक है. इस घोटाले में बिहार के सीएम रहते हुए लालू प्रसाद यादव के ऊपर करीब 950 करोड़ रुपये की सरकारी राशि गायों के चारे के नाम पर गबन करने का आरोप लगा था. बता दें कि 1990 के दशक में यह घोटाला उजागर हुआ था. इसकी जब जांच पूरी हुई तो लालू प्रसाद यादव दोषी पाए गए थे. ऐसे में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. इस घोटाले ने उनके राजनीतिक इमेज को काफी नुकसान पहुंचाया था. ऐसे में उन्हें साल 1997 में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
लालू के राज में गुंडाराज!
लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर साल 1990 से 1997 तक थे. इस समय में उनके राज को अक्सर जंगलराज या गुंडाराज के नाम से जाना गया. इस समय बिहार में कानून व्यवस्था मानों काफी लचर हो गई थी. ऐसे में क्राइम रेट में काफी बढ़ोतरी हुई थी. इसमें खासकर किडनैपिंग के मामले थे. उस समय आलोचकों ने आरोप लगाया था था कि राजनीतिक लाभ के लिए लालू ने आपराधिक तत्वों को संरक्षण दे रखा है. ऐसे में सरकार से जनता का भरोसा उठ गया. बिहार के इतिहास में इस काल को सबसे अराजक और असुरक्षित दौर माना जाता है.
लालू और परिवार के बेनामी संपत्ति मामले
लालू यादव के परिवार के कई सदस्यों, जिसमे उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बच्चे शामिल थे उन पर साल 2017 में बेनामी संपत्ति का आरोप लगा था. इसमें इनकम टैक्स और ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने दलालों और शेल कंपनियों के माध्यम से अवैध रूप से भवन और जमीन खरीदने का आरोप लगाया था. उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर इन आरोपों ने भ्रष्टाचार और अवैध धन रखने का मामला उजागर किया था. ऐसे में उनके सामाजिक और राजनीतिक छवि के लिए यह मामला काफी बड़ा विवाद बना.
मीसा भारती के फार्म हाउस का विवाद
मीसा भारती जो लालू यादव की बेटी है उनके दिल्ली स्थित फार्म हाउस पर ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापेमारी की थी. यह छापेमारी बेनामी संपत्तियो से जुड़े मामले को लेकर था. इस मामले में अधिकारियों के मुताबिक, मीसा भारती का यह फार्म हाउस अवैध धन से शेल कंपनी के जरिए खरीदा गया था. इस मामले के कारण और कोर्ट केस के कारण मीसा भारती के राजनीतिक जीवन को काफी नुक्सान पड़ा था और काफी विवाद भी हुआ था.
तेज प्रताप यादव से जुड़े विवाद
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव उनके परिवार के ऐसे सदस्य है जो हमेशा से अपने व्यक्तिगत जीएवन को लेकर सुर्खियों और विवादों में रहते है. वह खासकर अपनी शादीशुदा जिंदगी को लेकर विवादों और सुर्खियों में रहते है. बता दें की ऐश्वर्या राय के साथ विवाद और तलाक के मामले अक्सर वह मीडिया सुर्खियों में रहे. यही नहीं उनके सार्वजनिक झगड़े और भावनात्मक बयानों ने भी उनके और उनके परिवार के छवि को काफी खराब किया है. यही नहीं उनका अनियमित राजनीतिक व्यवहार और विवादित बयान भी कई बार चर्चा में रहा है. ऐसे में ताजा विवाद अनुष्का यादव का भी अब हर दिन गहरा ही होते जा रहा है.