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रांची/डेस्क: भारत के न्यायिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया हैं. न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को देश के 52वें प्रधान नयायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ दिलाई. सीजेआई बीआर गवई ने प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित कई गणमान्य लोगों का अभिवादन स्वीकार किया.
जस्टिस गवई ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की जगह ली है, जो एक दिन पहले ही सेवानिवृत्त हुए. गौरतलब है कि परंपरा के अनुसार, मौजूदा सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करते हैं. इसी कड़ी में जस्टिस खन्ना ने 16 अप्रैल को केंद्र सरकार को जस्टिस गवई का नाम सुझाया था. जिसके बाद 30 अप्रैल को कानून मंत्रालय ने उनकी अधिसूचना जारी की थी.
न्यायमूर्ति गवई के ऐतिहासिक फैसले जो उन्हें बनाते है ख़ास:
- राजीव गांधी हत्याकांड (2022)
- वणियार आरक्षण (2022)
- नोटबंदी (2023)
- ईडी निदेशक का कार्यकाल (2023)
- बुलडोजर कार्रवाई (2024)