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रांची/डेस्क: आज श्रावण मास का पहला सोमवार है और शिवभक्तों के लिए यह दिन बेहद खास माना जा रहा हैं. देशभर के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हैं. हर कोई भगवान शिव को जलाभिषेक कर उनकी कृपा पाने की कामना कर रहा हैं. शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करते हुए भक्त “ऊं नमः शिवाय” मंत्र के साथ अपनी श्रद्धा प्रकट कर रहे हैं.
श्रावण का सोमवार सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और प्रकृति से भी जुड़ा पर्व हैं. यह दिन खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो स्वास्थ्य, विवाह या आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे होते हैं. मान्यता है कि सावन के सोमवार को विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और सभी बाधाओं से मुक्ति प्रदान करते हैं.
अगर आप भी आज शिव आराधना करने जा रहे है तो जानिए पूजा का सही समय और विधि:
जलाभिषेक का श्रेष्ठ समय
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:15 बजे से 5:00 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक
- प्रदोष काल तक भी पूजन शुभ माना गया है
पूजन विधि
सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर पर या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करें. फिर शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें. बेलपत्र, धतूरा, सफेद पुष्प चढ़ाएं और "ऊं नमः शिवाय" का कम से कम 108 बार जाप करें. दिनभर फलाहार करें और शाम को शिव आरती के साथ पूजा पूरी करें. अगले दिन अन्न और वस्त्र का दान देकर व्रत का पारायण करें.
पूजा का महत्व
सावन सोमवार व्रत विशेष रूप से विवाह, संतान, स्वास्थ्य और समृद्धि से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता हैं. अविवाहित कन्याएं इस दिन विशेष श्रद्धा के साथ उपवास रखती हैं ताकि उन्हें इच्छित जीवनसाथी प्राप्त हो. ऐसा माना जाता है कि शिवजी की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा, रोग और दरिद्रता का नाश होता हैं.
आज का विशेष उपाय
आज के दिन शिवलिंग पर शांत चित्त से जल की धारा अर्पित करें और बेलपत्र, धतूरा, सफेद पुष्प चढ़ाएं. प्रदोष काल से पहले शिव मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाएं. सात बार शिवलिंग की परिक्रमा करें और हर परिक्रमा पर "ऊं नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें. पूजा के बाद शांत मन से भगवान के चरणों में बैठें और अपनी मनोकामना प्रकट करें.