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रांची/डेस्क: चार दशक का इंतजार खत्म! भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए पहली बार महिला क्रिकेट विश्वकप का खिताब अपने नाम कर लिया. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में 52 रनों से हराकर करोड़ों भारतीयों को गर्व से भर दिया.
फाइनल में भारत की दमदार जीत
बारिश से बाधित इस रोमांचक फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन बनाए. टीम की शुरुआत शानदार रही शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने मिलकर ठोस नींव रखी. इसके बाद दीप्ति शर्मा और रिचा घोष ने अंतिम ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए स्कोर को मजबूत किया. जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 246 रनों पर सिमट गई.
शेफाली वर्मा का जलवा
हरियाणा की युवा स्टार शेफाली वर्मा ने इस फाइनल में ऑलराउंड प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया. उन्होंने 87 रन की शानदार पारी खेली और गेंद से दो अहम विकेट झटके. इसी प्रदर्शन के दम पर उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया. अवार्ड लेते हुए शेफाली ने कहा “सचिन सर से हमेशा प्रेरणा मिलती है, आज का दिन उनके और पूरे देश के नाम हैं.”
दीप्ति शर्मा बनीं ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज़’
टूर्नामेंट भर में अपनी फिरकी और सटीक बल्लेबाजी से विपक्षियों के छक्के छुड़ाने वाली दीप्ति शर्मा को ‘मैन ऑफ द सीरीज़’ घोषित किया गया. फाइनल में उन्होंने 58 रन बनाने के साथ-साथ पांच विकेट भी झटके. खास बात यह रही कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की सबसे खतरनाक बल्लेबाज लौरा वूल्वार्ट को आउट कर मैच का रुख पलट दिया. फाइनल मुकाबले में सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर और रोहित शर्मा जैसे महान खिलाड़ी स्टेडियम में मौजूद थे. भारत की जीत के बाद पूरा मैदान ‘भारत माता की जय’ के नारों से गूंज उठा. सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट कर लिखा- “आज हमारे देश की बेटियों ने वो कर दिखाया जो हर क्रिकेट प्रेमी का सपना था. इतिहास रचने पर टीम इंडिया को सलाम.”
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