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रांची/डेस्क: भारत ने तेलंगाना के कोयला खदानों से ऐसा दुर्लभ मृदा तत्व खोज निकाला है जिसके बारे में खुद भारत सरकार कह रही है कि यह खोज भारत के लिए उपलब्धि है तो दुनिया की नींद उड़ाने वाली भी है. भारत में यह जो मृदा तत्व मिला है, उस पर वह चीन पर निर्भर था, लेकिन अब इस पर न सिर्फ एकाधिकार हो जायेगा, बल्कि पूरी तरह से आत्म निर्भर।
दुर्लभ मृदा तत्व की खोज हो जाने के बाद भारत ने इसका दायरा बढ़ाने की भी योजना तैयार कर ली है. अब न सिर्फ कोयला, बल्कि जहां पेट्रोलियम उपलब्ध हैं, वहां भी इसकी खोज की तैयारी चल रही है।
सबसे पहले यह बता दें कि इस दुर्लभ मृदा तत्व को खोजने का काम राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) ने किया है. तेलंगाना की सथुपल्ली और रामागुंडम की खुली खदानों से इस दुर्लभ तत्व को NCMM ने खोज निकाला है. इस तत्व का नाम स्कैंडियम और स्ट्रोंटियम है.
आखिर यह स्कैंडियम और स्ट्रोंटियम है क्या? NCMM की देखरेख में खुदाई करने वाली कम्पनी सिंगरेनी कोलियरीज ने बताया है कि सथुपल्ली और रामागुंडम की खुली खदानों में यह दुर्लभ तत्व प्रति 15 टन मिट्टी से मात्र 1 किलोग्राम निकल सकता है. कंपनी के अनुसार खुशी की बात यह है कि स्कैंडियम और स्ट्रोंटियम की आपूर्ति अगस्त महीने से शुरू की जाएगी.
इनमें से स्कैंडियम का उपयोग विमान, ईंधन सेल और खेल के सामान में होता है, जबकि दवाओं, मैग्नेट, वैक्यूम सिस्टम और कैथोड-रे ट्यूब में स्ट्रोंटियम का इस्तेमाल किया जाता है. यानी अब भारत को इन महंगे खनिजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी. अभी चीन का इन दुर्लभ तत्वों पर एकाधिकार है.