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रांची: ब्रिटेन में एक गांव है स्पीलप्लाइट्ज. इस गांव में लोग कपड़े नहीं पहनते हैं. इस गांव में हर कोई नग्न रहता है. पिछले 85 साल से इस गांव के लोग बिना कपड़े के रह रहे हैं. ऐसा नहीं है कि गांव के लोग सिर्फ अपने ही घर में नग्न रहते हैं, वे नग्न अवस्ता में ही एक दूसरे के घर जाते हैं. समारोह आदि में भी बिना कपड़ों के ही शामिल होते हैं. अगर आप इस गांव को देखना चाहते है, तो पहले नग्न रहने की आदत डाल लिजिए. क्योंकि इस गांव में कोई बाहरी या पर्यटक आता है, तो उसे भी बिना कपड़ों के ही रहना पड़ता है. आज के युग में भी लोग बिना कपड़ों के रहते है, जबकि दुनिया फैशन के पीछे पागल है. लोग फैशन में चल रहे कपड़े खरीदते हैं, अभिनेता, मॉडल की शैली की नकल करते हैं, ऐसे में स्पीलप्लाइट्ज गांव के लोग क्यों कपड़े नहीं पहनते, सोशल मीडिया में इसे लेकर कई तरह की बातें देखने और पढ़ने को मिलेंगी. इस विषय पर न्यूज11 भारत की यह विशेष खबर.
ब्रिटेन के स्पीलप्लाट्ज गांव में लोग पिछले 85 सालों से बिना कपड़ों के रह रहे हैं. चाहे आप बाहर जाएं या किसी के घर जाएं, लोग नग्न रहते हैं. जबकि सदियों से, कपड़े उस देश और सामुदायिक संस्कृति की पहचान रहे हैं. लेकिन ब्रिटेन के स्पीलप्लाट्ज गांव में रहने वाले पुरुष और महिलाएं 3 साल से बिना कपड़ों के हैं. यदि कोई पर्यटक इस स्थान पर जाना चाहता है, तो उसे भी गांव में पैदल और कपड़े उतार कर ही जाना होगा.
गांव में अत्याधुनिक सारी सुविधाएं, मगर शरीर कपड़ों के बिना
स्पीलप्लाट्ज गांव हर्टफोर्डशायर और बकेटवुड के पास स्थित है. इस गांव के लोग गरीब भी नहीं हैं. गांव में पब, होटल, मोटल, स्विमिंग पूल जैसी सरी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इस गांव की खोज इस्लिथ रिचर्डसन के पिता चार्ली मैककसे ने की थी. वह इस गांव के बारे में कुछ नहीं जानता था, क्योंकि उसने 1 पाउंड के लिए यहां 5 एकड़ ज़मीन खरीदी थी. गांव के लोगों को भी नहीं पता कि कपड़े न पहनने की परंपरा कैसे शुरू हुई. कई लोग यह भी तर्क देते हैं कि उन्होंने केवल प्राकृतिक के करीब रहकर प्राकृतिक जीवन जीने के लिए कपड़े त्याग दिए हैं. आज स्थिति यह है कि इस गांव में महिलाओं और पुरुषों को कपड़े नहीं धोने पड़ते. इस गांव के लोग पहले प्रचार और प्रसार से दूर थे. मगर सोशल मीडिया पर इस गांव की खबर आने के बाद गांव चर्चा में आ गया है. अब तो गांव के लोग बिना कपड़े टीवी शो में भी दिखाई देने लगे है. गांव के बुजुर्गों को इस तरह के गांव में रहने पर गर्व होता है. दुनिया के किसी भी कोने में, कपड़ों को छोड़कर, जीवन को जीने की तरह सामान्य और सरल है.
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