झारखंड » चतराPosted at: अगस्त 07, 2025 ममता की आंखों में कैसे आएगी रौशनी आर्थिक तंगी आ रही है इलाज में बाधा

प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
चतरा/डेस्क:- इटखोरी के कोनी पंचायत की 18 वर्षीय ममता कुमारी पिता बबनी भुइयां के आंखों की रौशनी डेढ़ वर्ष पूर्व केवल पेट व सर दर्द की मामूली वजह से चली गयी . हाई स्कूल प्लस 2 की छात्रा ममता के आंख में जब धुंधला पन छा गया तो परिजनों नें उसे बहेरा आश्रम में दिखाया. इसके बाद कोडरमा, हजारीबाग के बाद रांची के एक निजी अस्पताल में माथे से ट्यूमर को भी निकाला गया लेकिन कोई फायदा नही हुआ. रांची के चिकित्सकों नें परामर्श दिया कि चेन्नई के वेल्लोर ले जाइए. लेकिन वेल्लोर ले जानें मे ममता के परिजन आर्थिक स्थिति से मजबूत नहीं है जो अपनी बेटी को वेल्लोर लेकर इलाज के लिए जाएं. ममता के सुध लेने कोनी पंचायत के मुखिया सह मुखिया संघ के अध्यक्ष रंजय भारती व पंचायत समिति सदस्य उर्मिला देवी घर पहुंच कर ममता के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हर सम्भव मदद करने का आश्वाशन दिया. इस मामले में मुखिया रंजय भारती ने आगे आकर चिकित्सा प्रभारी डॉ सुमित कुमार जायसवाल से बात किया तो उन्होंने कहा कि रेटिनोब्लास्टोमा आंख का कैंसर नामक बीमारी होगा तो असाध्य रोग के तहत मरीज को 5 लाख का लाभ मिल सकता है ताकि वेल्लोर में उसका इलाज हो पाए. उन्होंने कहा कि मरीज के इलाज के पुर्जा देखने के बाद स्पस्ट हो पायेगा की मरीज असाध्य रोग के श्रेणी में है कि नही.