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रांची/डेस्क: उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली क्षेत्र में शुक्रवार की आधी रात के बाद बादल फटने से भारी तबाही मच गई. अचानक हुई इस प्राकृतिक आपदा से कस्बे और आसपास के गांवों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया. कई घर, दुकानें और सड़कें मलबे में दब गई.प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं.
थराली बाजार और कोटदीप सबसे ज्यादा प्रभावित
इस आपदा से थराली बाजार और कोटदीप सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. तहसील परिसर और एसडीएम आवास में मलबा घुस आया, जबकि वहां खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गई. कस्बे की सड़कों पर इतना मलबा भर गया कि वे तालाब जैसी दिखाई देने लगी. सागवाड़ा गांव में मलबे की चपेट में आने से एक युवती की मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. चेपड़ों बाजार में कई दुकानें मलबे से क्षतिग्रस्त हो गईं और एक व्यक्ति के लापता होने की भी खबर हैं.
यातायात पूरी तरह ठप
इस हादसे से यातायात पूरी तरह ठप हो गया हैं. थराली-ग्वालदम मार्ग मिंग्गदेरा के पास बंद हो गया है, जबकि थराली-सागवाड़ा मार्ग भी बाधित हैं. इन दोनों रास्तों के बंद होने से लोगों की आवाजाही थम गई हैं. बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन की टीम सड़कों को खोलने का प्रयास कर रही हैं. स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन थराली तहसील के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को शनिवार यानी आज 23 अगस्त 2025 के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया हैं. जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि राहत कार्यों को तेजी से संचालित किया जा रहा है और टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में मौजूद हैं.
प्रकृति की मार झेल रहा उत्तराखंड
मानसून सीजन में उत्तराखंड लगातार आपदाओं की मार झेल रहा हैं. 5 अगस्त को उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में बादल फटने से आई फ्लैश फ्लड ने भारी तबाही मचाई थी. इस घटना में चार लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों लोग लापता हो गए थे. वहीं रुद्रप्रयाग के केदारघाटी क्षेत्र में जुलाई के आखिर में हुई ऐसी ही घटना से कई घर और गाड़ियां मलबे में दब गई थी.