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रांची/डेस्क: नेता प्रतिपक्ष व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार की नई शराब नीति पर तीखा विरोध जताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति सरकार के चहेते कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई है. मरांडी ने कहा कि भाजपा इस नीति के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन करेगी, जिसमें प्रखंड और जिला स्तर तक विरोध प्रदर्शन शामिल होंगे.
नई शराब नीति में माफिया राज को खुली छूट
मरांडी का कहना है कि नई शराब नीति माफियाओं को खुली छूट देने की साजिश है. इस नीति के तहत शराब दुकानों की नीलामी यूनिट आधारित होगी, जिससे कोई भी व्यक्ति या समूह अधिकतम 12 यूनिट प्राप्त कर सकता है. इसके चलते एक ही समूह राज्यभर में 140 दुकानों तक का नियंत्रण हासिल कर सकता है, जो जिला स्तर पर 48 दुकानों तक भी पहुंच सकता है.
व्यापार पर एकाधिकार का खतरा
बाबूलाल मरांडी ने चेतावनी दी कि इस नीति के लागू होने से कुछ चुनिंदा कारोबारी पूरे राज्य में शराब व्यापार पर एकाधिकार स्थापित कर लेंगे. इससे न केवल प्रतिस्पर्धा खत्म होगी, बल्कि शराब कारोबार कुछ खास लोगों के हाथों में केंद्रित हो जाएगा.
राजस्व में गिरावट और रोजगार पर असर
मरांडी ने दावा किया कि यह नीति राज्य के राजस्व को नुकसान पहुंचाएगी. इसके साथ ही छोटे उद्यमियों, बेरोजगारों और ग्रामीण आबादी को इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह नीति सामाजिक और आर्थिक रूप से असंतुलन पैदा करेगी.
बाबूलाल मरांडी के समाधान और सुझाव
- शराब बिक्री के लिए "एक व्यक्ति, एक दुकान" की नीति लागू हो.
- अधिसूचित क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में शराब दुकानों का आरक्षण हो.
- ग्रामीण महिलाओं को प्राथमिकता मिले, जो मजबूरी में सड़क किनारे हड़िया बेचती हैं.
- दुकान संचालन में परिवार के सदस्यों की प्रत्यक्ष भागीदारी अनिवार्य हो.