न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: आज देवघर परिसदन सभागार में नगर विकास एवं आवास, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार की अध्यक्षता में आगामी राजकीय श्रावणी मेला 2025 की तैयारियों को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया.
बैठक में पर्यटन सचिव, देवघर उपायुक्त, दुमका उपायुक्त, पर्यटन निदेशक समेत विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में विभागवार की जा रही तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की गई तथा मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक, सुरक्षित एवं सुलभ अनुभव सुनिश्चित करने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
मुख्य बिंदु
श्रद्धालुओं को समर्पित मेला
मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि श्रावणी मेला झारखंड की पहचान है और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा है. इसलिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें ताकि सुलभ व सुरक्षित जलार्पण के साथ श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभूति प्राप्त हो.
सोमवार को VIP/VVIP दर्शन पर पूर्ण रोक
श्रद्धालुओं को समान अवसर देने के उद्देश्य से इस वर्ष सभी सोमवार को आउट ऑफ टर्न दर्शन (VIP/VVIP दर्शन) पर पूर्ण रूप से रोक रहेगी.
तकनीक आधारित समाधान
श्रावणी मेला 2025 में तकनीक का व्यापक उपयोग सुनिश्चित किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- AI आधारित इंटीग्रेटेड मेला कंट्रोल रूम
- AI चैटबोट - सूचना, फीडबैक व हेल्पलाइन
- AI आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
- QR कोड आधारित फीडबैक सिस्टम
- लोकेशन बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम
- डिजिटल पवेलियन
श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विशेष व्यवस्थाएं
मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र, सूचना सह सहायता केंद्र, टेंट सिटी, पेयजल, स्नानगृह, शौचालय, कूड़ेदान, सफाई व्यवस्था, इंद्र वर्षा (मिस्ट कूलिंग) और सजावट व तोरण द्वार की बेहतर योजना पर निर्देश दिए गए हैं.
सुरक्षा व विधि व्यवस्था
समीक्षा में ओ.पी., ट्रैफिक नियंत्रण केंद्र, अपराध नियंत्रण, वाहन पड़ाव स्थल और रूटलाइनिंग की विस्तृत योजना पर चर्चा हुई, ताकि श्रद्धालुओं को सहज अनुभव मिल सके.
विभागों को समयबद्ध कार्य पूर्ण करने का निर्देश
विद्युत आपूर्ति, नगर विकास, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यटन, जनसंपर्क, स्वास्थ्य, भवन प्रमंडल सहित सभी विभागों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए.
राजकीय श्रावणी मेला 2025 (11 जुलाई – 09 अगस्त) के सफल आयोजन हेतु झारखंड सरकार पूरी तरह संकल्पित है. श्रद्धा, व्यवस्था और तकनीक का संगम, यही होगा इस बार के मेले की पहचान.