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रांची/डेस्क: तेतुलिया मौजा स्थित करीब 100 एकड़ से अधिक वन भूमि की कथित अवैध खरीद-बिक्री से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई शनिवार को सीआईडी की विशेष कोर्ट में हुई. आरोपी राजवीर कंस्ट्रक्शन के मालिक पुनीत अग्रवाल की जमानत याचिका पर बहस के दौरान सीआईडी की ओर से अदालत में केस डायरी प्रस्तुत की गई.
अगली तारीख 6 अगस्त निर्धारित
कोर्ट ने सुनवाई के बाद इस मामले की अगली तारीख 6 अगस्त निर्धारित की गई है. उसी दिन इस मामले के दो अन्य आरोपियों, वीर अग्रवाल और विमल अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर भी सुनवाई होगी.
वन भूमि को अवैध रूप से उमायुष कंपनी को बेचा
तीनों आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने राजवीर कंस्ट्रक्शन के माध्यम से वन भूमि को अवैध रूप से उमायुष कंपनी को बेचा और इसके एवज में 3.40 करोड़ रुपए का भुगतान कराया. आरोपों के अनुसार, यह भूमि वास्तव में वन क्षेत्र के अंतर्गत आती थी, जिसे पूर्व में बोकारो स्टील प्लांट ने वन विभाग को वापस सौंप दिया था. इसके बावजूद, फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से इस जमीन की बिक्री कर दी गई.
ED भी इस भूमि घोटाले की जांच में शामिल है
इस मामले में भू-माफिया, अंचल कार्यालय के कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है. सीआईडी ने बोकारो के सेक्टर-12 थाने में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को टेकओवर कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस भूमि घोटाले की जांच में शामिल है.
यह मामला न केवल भूमि घोटाले की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि सरकारी विभागों और निजी कंपनियों के बीच संभावित गठजोड़ की भी ओर इशारा करता है. अब निगाहें 6 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं.