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रांची/डेस्क: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिबू सोरेन के निधन पर अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन के अगुआ, दिशोम गुरु आदरणीय शिबू सोरेन जी के निधन से मर्माहत हूं. उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. वह मेरे पिता तुल्य रहे हैं, उनसे सदैव मुझे पुत्र के समान ही स्नेह मिला. गुरुजी के मुख्यमंत्री बनने पर मुझे उपमुख्यमंत्री के पद पर काम करने का सौभाग्य मिला. मरांग बूरू पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें. मेरे जैसे उनके लाखों प्रशंसकों, उनके समर्थकों, उनके परिजनों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें.
उनके निधन से एक युग का अंत हो गया. झारखंड की राजनीति के वर्तमान को अतीत से जोड़नेवाली महत्वपूर्ण कड़ी आज टूट गई. झारखंड में उनके साथ काम करने का जो अनुभव मुझे हुआ - सभी दलों, सभी मतों को माननेवालों के प्रति उनके हृदय में मान-सम्मान था. वे सबके अपने थे. उनके निकट आकर ऐसा लगता था, जैसे किसी ऋषि की छत्र-छाया में बैठे हों. वे सर्वमान्य नेता थे. उनमें बाहरी-भीतरी का भेदभाव नहीं था. वे बहुत ही सरल, सीधे साधे, सादा जीवन-उच्च विचार वाले व्यक्ति थे. आदिवासी समाज की अस्मिता और उनके उत्थान के लिए, आदिवासी समाज की आर्थिक समृद्धि, शिक्षा, आदि संस्कृति की रक्षा और समाज को नशा मुक्त करने के लिए वे सदा चिंतित रहते थे. उनके कारण ही आदिवासी समाज को आदर, मान-सम्मान मिला.
अपने माटी के पुत्र को खोकर आज पूरा झारखंड शोकमय है. मरांग बुरु आदरणीय चाची श्रीमती रूपी सोरेन जी समेत समस्त सोरेन परिवार को यह असीम क्षति सहने की शक्ति दें.