सीसीएल का ट्रांसपोर्टिंग होकर रेलवे साइडिंग में धंधा उफान पर, कोयला तस्कर मालामाल
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11भारत
हजारीबाग/डेस्क: सीसीएल का ट्रांसपोर्टिंग होकर रेलवे साइडिंग में धंधा उफान पर, कोयला तस्कर मालामालसुबह हो जाने पर ग्रामीणों का जमावड़ा होने लगा, सुचना प्रशासन को मिला और फोरेस्ट विभाग ने पहुंच कर वाहन अपने कब्जे में लिया. इस काले खेल में सीसीएल के गार्ड और फोरेस्ट के कई वनरक्षी, चरही पुलिस के मिली भगत से सम्भव हो पा रहा है.हजारीबाग समाहरणालय सभागार जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स से सम्बंधित सभी पदाधिकारी के साथ बैठक कर अवैध खनन पर अंकुश लगाने के साथ अवैध खनन व परिवहन कार्य में संलिप्त पाए जाने वोलों के विरूद्ध त्वरित कार्रवाई करने सख्त निर्देश देने के वावजूद रात के अंधेरे होते ही कोयला माफिया सक्रिय होकर चरही थाना क्षेत्र के इंदरा में प्रतिदिन रात दिन निरंतर अवैध कोयला कारोबार का काम किया जा रहा है.वहीं इतना ही नहीं कोयला माफिया के द्वारा जगहों बड़े पैमाने पर अवैध कोयला का भंडारण किया जाता है, वही जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक में जिले के पुलिस अधीक्षक के द्वारा सभी थाना प्रभारी को भी निर्देश दिया दिया गया है कि थाना क्षेत्र में अवैध खनन एवं अवैध परिवहन के मामले सभी समन्वय बनाकर अच्छे से मॉनिटरिंग करने तथा संबंधित मामलों में पाए जाने पर तुरंत एफआईआर कर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश प्राप्त है.जिले के वरीय पदाधिकारियों के निर्देश के बावजूद प्रखंड प्रशासन के नाक के नीचे माफियाओं के द्वारा अवैध कोयला का कारोबार चल रहा है.इधर सीसीएल के तापिन नार्थ एंव साउथ परियोजना के कोयला रेलवे साइडिंग ट्रांसपोर्टिंग होता है.प्रत्येक दिन कोयला चोरी कर सैंकड़ों मोटरसाइकिल से भंडारण कर छुपाया जाता.उक्त जगह पर भंडार किया जा रहा है.यहाँ जमा स्टीम कोयले को ट्रकों में लोड कर बनारस एवं देश के बड़े कोयला मंडियों में बदस्तूर भेजा जा रहा है.यहां से प्रत्येक दिन 50 टन अवैध कोयला लदा ट्रकों को बाहर भेजा जाता है.ट्रकों को गंतव्य स्थानों तक पहुँचाने के लिए कोयला चोर स्कॉर्ट करते है.अवैध कारोबार के इस खेल में प्रशासन की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है.बताया जाता है कि रेलवे साइडिंग से सूरज ढलते ही कोयला चोरी शुरू हो जाती है.शाम में यह नजारा साफ देखा जा सकता है.
सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए की राजस्व की हानि पहुंचा रहे कोयला तस्कर
जानकारों के माने तो कोयला तस्कर प्रतिदिन लाखो रुपए राजस्व की हानि सरकार को पहुंचा रहे हैं.विभिन्न परियोजनाओं से रेलवे साइडिंग में ट्रांसपोर्टिंग कोयला को मजदूरों द्वारा इकट्ठा किए गए कोयले को तस्कर द्वारा कौड़ी के भाव में 3 हजार रुपए प्रति टन कोयला खरीदकर मंडियों में 10 हजार रुपए प्रति टन बेचकर मोटी रकम वसूल रहे हैं।
पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे है सवाल
चरही में कोयला का अवैध कारोबार कोई नई बात नही है.चरही थाना क्षेत्र अवैध कोयला का कारोबार चलता है.समय समय पर पुलिस या फोरेस्ट दिखावा के लिए कार्रवाई कर खानापूर्ति कर देती है.इसके बाद फिर से कारोबार शुरू हो जाता है।
कौन है अवैध कोयले के धंधे का मास्टरमाइंड
जानकारो ने बताया कि नाम नहीं छापने को लेकर कहा है कि मेरा अपना आदमी है चाहे हजारीबाग में जो भी प्रशासनिक अधिकारी स्थानांतरित होकर के आती है वह सब इनका अपना आदमी रहता है.ग्राम इन्दरा के मल्हार टोला में संचालित कर यूपी बिहार के मंडियों में भेजा जाता है.जानकर लोगों ने बताया कि प्रत्येक दिन कोयला कारोबारियों को लाखों की कमाई हो रही है.