प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: आम जन अपराध करे तो कार्रवाई, यदि सरकारी अधिकारी ऐसे ही अपराध करे तो नोटिस का खेल. हजारीबाग में नगर निगम के खेल भी कुछ ऐसे ही हैं. आम लोग यदि होल्डिंग नंबर नही ले, होल्डिंग टैक्स का भुगतान नहीं करे तो उनपर भारी भरकम जुर्माना ठोक दिया जाता है. सर्टिफिकेट केस तक का सामना लोगो को करना होता है. मगर जिले में आज भी कई ऐसे सरकारी भवन हैं, जिन्होंने ना तो होल्डिंग नंबर लिया है और न ही होल्डिंग टैक्स का भुगतान सालों से कर रहे है. यहां यह बताना युक्तिसंगत होगा की नगर निगम क्षेत्र में 33 हजार के करीब हाउस होल्ड हैं, जिनसे निगम सालाना लगभग 13 करोड़ रुपए बतौर होल्डिंग टैक्स की वसूली करता है.
जब इस संबंध में निगम के लिए होल्डिंग टैक्स की वसूली करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी रितिका के अधिकृत प्रतिनिधि से बात की गई तो उसने स्वीकार किया कि जिले में बड़े पैमाने पर सरकारी भवनों ने अपना होल्डिंग नंबर नही लिया है और न ही इन सरकारी भवनों से होल्डिंग टैक्स की वसूली लंबे समय से की जा रही है. बात को संभालते हुए बताया कि करीब एक दर्जन सरकारी भवन के प्रमुखों को होल्डिंग नंबर लेने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है ताकि होल्डिंग टैक्स की वसूली में बढ़ोतरी हो सके.
इन सरकारी भवनों को होगा नोटिस
विनोबा भावे विश्विद्यालय, एसीबी कार्यालय, हजारीबाग, बंदोबस्त कार्यालय, कार्यपालक अभियंता, राज्य पथ प्रमंडल, कार्यपालक अभियंता, सड़क निर्माण विभाग, हजारीबाग टाउन रेलवे स्टेशन, सेंट्रल जेल, एफसीआई कार्यालय, कार्यपालक अभियंता, सिंचाई विभाग, आकाशवाणी और श्रम कार्यालय. सभी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने कार्यालय का होल्डिंग नंबर लेकर अपने भवन का असेसमेंट करवा ले ताकि होल्डिंग टैक्स का निर्धारण किया जा सके. यह भी स्वीकार किया कि नगर निगम की संपत्ति होल्डिंग टैक्स मुक्त होती है. इसलिए निगम के भवन का होल्डिंग नंबर क्रिएट नही किया जा सकता.