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लोहरदगा/डेस्क: भंडरा रोड, सेरेंगहातू स्थित यतिराज डिवाइन स्पार्क पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आज सोमवार को पूर्व छात्र गुलाम राजा को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा में 17वीं रैंक प्राप्त करने पर भव्य सम्मान समारोह आयोजित कर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में तोरार पंचायत समिति के सदस्य सफरुद्दीन अंसारी तथा विशिष्ट अतिथि वसीम अकरम उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के संचालक वी.के. बालाजिनप्पा ने की. विद्यालय संचालक वी.के. बालाजिनप्पा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुलाम राजा को बचपन से ही असाधारण प्रतिभाशाली और जिज्ञासु छात्र बताया.
उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में राजा थोड़े चंचल स्वभाव के थे, लेकिन उन्हें हमेशा ऊँचे लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती थी. बालाजिनप्पा ने यह भी कहा कि संभवतः उस समय राजा को यह बात थोड़ी कटु लगी होगी, लेकिन आज उन्होंने मेहनत और समर्पण से वह मुकाम हासिल कर दिखाया, जो उनके लिए प्रेरणास्पद है. गुलाम राजा ने अपने वक्तव्य में बताया कि शिक्षक यदि उन्हें समय पर प्रेरणा और सही मार्गदर्शन न देते, तो वे इस स्थान तक नहीं पहुँच पाते. उन्होंने माना कि न तो उनके माता-पिता, न ही गांव के लोग कभी सोच सकते थे कि वे इतनी ऊँचाई तक पहुँचेंगे, लेकिन उन्होंने अपनी लगन और मेहनत से सबका नजरिया बदल दिया. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने विद्यालय और गुरु श्री वी.के. बालाजिनप्पा को दिया.
उन्होंने यह भी कहा कि उनका अगला लक्ष्य संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा है, जिसमें वे सफलता प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत हैं. उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि गुरुजनों की डाँट को नकारात्मक नहीं, बल्कि सकारात्मक रूप में लें और निरंतर परिश्रम करते रहें. मुख्य अतिथि सफरुद्दीन अंसारी ने अपने संबोधन में कहा कि एक योग्य गुरु ही छात्र के जीवन का दर्पण होता है. उन्होंने कहा कि देश का निर्माण गुरुजनों के मार्गदर्शन से ही संभव है और छात्रों को सदैव अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए. इस अवसर पर विद्यालय परिवार के श्रीमति बालाजिनप्पा, चंद्रशेखर प्रसाद, रोमा, तबस्सुम खातून, ज्योति, कनिष्का, हैप्पी एनाल, यति रिजॉय एनाल सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया. गुलाम राजा की इस उपलब्धि ने न केवल विद्यालय, बल्कि पूरे लोहरदगा जिले को गौरवान्वित किया है और वे आज युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुके हैं.