न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को व्रत करने वाला शिवलोक को प्राप्त करता हैं. गणेश चतुर्थी को गणेश जी का पूजन करके मनुष्य सभी मनोकामनाओं को प्राप्त कर लेता हैं. चतुर्थी तिथि को तीन प्रकार की होती है- शिवा, शान्त और सुखा. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का नाम शिवा हैं. इस वर्ष गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जा रही हैं. इस दिन जो भी स्नान, दान, उपवास, जप आदि सत्कर्म करता है वह गणपति के प्रसाद से सौ गुना हो जाता हैं. इस दिन पूजा करते वक्त आगच्छोल्काय कहकर गणेश जी का आवाहन करें. गन्धादी उपचारों एवं लड्डुओं से गणपति का पूजन इस प्रकार करें. तदनन्तर निम्नलिखित गणेश गायत्री मंत्र का जाप करें.
ॐ महोलकाय विद्दाहे वक्रतुण्डायधीमहि॥
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥
गणेश गायत्री मंत्र का जप करें. इस मंत्र का अर्थ है कि हम उस विशाल शरीर वाले भगवान गणेश का ध्यान करते हैं, जिनकी सूंड वक्र या मुड़ी हुई है और जो दंतधारी हैं. इस मंत्र के जप से भगवान गणेश हमें बुद्धि से प्रकाशित करते हैं और उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है.
गणेश चतुर्थी पर किस चीज का दान करें
पुराणों में लिखा है कि इस दिन किए गए दान, उपवास और जप आदि सत्कर्म गणपति के कई सौ गुना फल देते हैं. इस चतुर्थी को गुड़, लवण और घी का दान करना शुभ माना जाता है. गुड़ के मालपूआ बनाकर ब्राह्मणों को भोजन कराना विशेष पुण्य का काम है. पति की कामना करने वाली कन्याओं को इस चतुर्थी का व्रत रखकर गणेशजी की पूजा करनी चाहिए.